गाजियाबाद:- इस सर्दी के मौसम में पहली बार गाजियाबाद की हवा गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई है। शहर के अलग-अलग इलाकों में छाए स्मॉग ने वातावरण को गैस चेंबर जैसा बना दिया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, मंगलवार को गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 403 पर पहुंच गया, जिससे यह देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बन गया। इंदिरापुरम की स्थिति तो और भी गंभीर रही, जहां AQI 449 दर्ज किया गया, जो दिल्ली से भी अधिक है।
बढ़ते प्रदूषण का असर प्रदूषण के कारण लोगों की आंखों में जलन और गले में खराश जैसी स्वास्थ्य समस्याएं शुरू हो गई हैं। इंदिरापुरम, लोनी, संजय नगर और वसुंधरा जैसे क्षेत्रों की हवा बेहद खराब हो चुकी है। सोमवार को जिले का औसत AQI 324 था, लेकिन मंगलवार को इसमें 125 अंकों का उछाल आया।
लचर व्यवस्था, कोई ठोस कदम नहीं शहर में ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू होने के बावजूद अधिकारियों द्वारा नियमों का पालन सुनिश्चित नहीं किया जा रहा है। सड़कों पर पानी का छिड़काव और प्रदूषण रोकने के अन्य उपाय भी नहीं दिख रहे।
इंदिरापुरम सबसे प्रदूषित आइक्यू एयर के अनुसार, सोमवार रात इंदिरापुरम का AQI 800 के पार दर्ज किया गया, जबकि CPCB के मापक यंत्र 500 से ऊपर AQI मापने में सक्षम नहीं हैं। लोनी भी गंभीर प्रदूषण की चपेट में है, जहां अवैध फैक्ट्रियां स्थिति को और खराब कर रही हैं।
प्रदूषण से जूझते क्षेत्र गाजियाबाद: 403 AQI इंदिरापुरम: 449 AQI लोनी: 421 AQI संजय नगर: 357 AQI वसुंधरा: 385 AQI
जनता की नाराजगी लोगों का कहना है कि संबंधित विभाग के अधिकारी अपनी जिम्मेदारियां ठीक से निभाते तो हालात इतने गंभीर न होते। बढ़ते प्रदूषण से लोग चिंतित हैं और राहत के इंतजार में हैं।
सरकार और प्रशासन को चाहिए कि प्रदूषण रोकने के लिए सख्त कदम उठाएं और नागरिकों को साफ हवा का अधिकार प्रदान करें।
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