हिन्दू जनसंख्या, सांस्कृतिक पहचान व सुरक्षा: प्रवीण तोगड़िया का दृष्टिकोण

साहिबाबाद (गाजियाबाद):- अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण तोगड़िया ने हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम में देश और धर्म से जुड़े कई संवेदनशील मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। इस दौरान उन्होंने बांग्लादेश, भारत में हिन्दू जनसंख्या के घटते आंकड़े, और सांस्कृतिक व सामाजिक पहचान को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण कदमों की आवश्यकता पर चर्चा की।
बांग्लादेश में हिन्दुओं की स्थिति पर चिंता
डॉ. तोगड़िया ने बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार और उनकी घटती संख्या को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में आजादी के समय हिन्दुओं की संख्या 28 प्रतिशत थी, जो अब घटकर केवल आठ प्रतिशत रह गई है। उनका आरोप था कि अत्याचार और हिंसा के कारण बांग्लादेशी हिन्दू लगातार पलायन कर रहे हैं।
उन्होंने सरकार से अपील की कि हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। उन्होंने इजरायल का उदाहरण देते हुए कहा कि “90 लाख की आबादी वाला यहूदी देश अपनी रक्षा के लिए ईरान, फिलिस्तीन, लेबनान, सीरिया और यमन जैसे देशों में कड़े कदम उठा सकता है, तो भारत क्यों नहीं?”
भारत में हिन्दू जनसंख्या का गिरता आंकड़ा
भारत में हिन्दू जनसंख्या पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के समय 86 प्रतिशत हिन्दू थे, जो अब घटकर 71 प्रतिशत रह गए हैं। उन्होंने जनसंख्या वृद्धि दर को चिंताजनक बताया और इसे बढ़ाने के लिए हिन्दुओं को तीन बच्चे पैदा करने की सलाह दी।
उन्होंने जोर देकर कहा, “हमें अपने बहुसंख्यक पहचान को बनाए रखने के लिए जनसंख्या बढ़ानी होगी। अगर हम कटेंगे, तो घटेंगे। इसलिए हर हिन्दू परिवार कम से कम तीन बच्चे पैदा करे।”
सांस्कृतिक एकजुटता और हनुमान चालीसा का आयोजन
हिन्दुत्व को मजबूत करने के उद्देश्य से तोगड़िया ने हर गांव में हनुमान चालीसा के आयोजन की योजना का जिक्र किया। पहले चरण में एक लाख गांवों में हनुमान चालीसा का पाठ कराया जाएगा। यह आयोजन हिन्दुओं को उनकी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने का प्रयास है।
संभल में पुलिस पर हमले और धार्मिक स्थलों पर विवाद
संभल में पुलिस पर हुए हमले का जिक्र करते हुए तोगड़िया ने इसे सरकार पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि “पुलिस पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब तक शिवलिंग केवल मस्जिदों में मिलते थे, लेकिन अब यह घरों में भी मिल रहे हैं। जहां शिवलिंग होगा, वहां पूजा अवश्य की जाएगी।”
सरकार से तीन प्रमुख मांगें
तोगड़िया ने हिन्दुओं की सुरक्षा और पहचान बनाए रखने के लिए तीन प्रमुख मांगें रखीं:
1. जनसंख्या नियंत्रण कानून: सभी धर्मों के लिए समान जनसंख्या वृद्धि नीति लागू हो।
2. समान नागरिक संहिता: पूरे देश में एक समान कानून लागू किया जाए।
3. अवैध प्रवासियों का निष्कासन: देश में रह रहे पांच करोड़ बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकाला जाए।
धार्मिक स्थलों और सामाजिक सहयोग पर बल
तोगड़िया ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में वर्षों से बंद पड़े मंदिरों के द्वार अब खुलने लगे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ से उनकी दूरियां समाप्त हो गई हैं और भविष्य में भी मेल-मिलाप जारी रहेगा।
उन्होंने महाकुंभ मेले के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि तीर्थयात्रियों को भोजन कराना जीवन का सर्वोत्तम कार्य है। इसके लिए उन्होंने सभी से अन्नदान करने की अपील की।
हिन्दुओं की एकजुटता के लिए आर्थिक और सामाजिक शक्ति का आह्वान
डॉ. तोगड़िया ने हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए आर्थिक और सामाजिक शक्ति का सहारा लेने की बात कही। उन्होंने बुलडोजर को शांति का प्रतीक बताते हुए कहा कि इसके माध्यम से अवैध निर्माणों को हटाना और कानून-व्यवस्था बनाए रखना आवश्यक है।
डॉ. प्रवीण तोगड़िया के वक्तव्य हिन्दू समाज की सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता और प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। उन्होंने जनसंख्या वृद्धि, सांस्कृतिक आयोजन, और सरकार से मांगों के माध्यम से हिन्दू समाज को सशक्त करने की अपील की।
उनकी बातों ने एक बार फिर से हिन्दू समाज को अपनी पहचान और अस्तित्व को बनाए रखने के लिए संगठित और जागरूक होने की दिशा में सोचने पर मजबूर किया है।
“हिन्दू समाज की एकजुटता और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा का यह संदेश पूरे देश में एक नई सोच और ऊर्जा का संचार करेगा।”
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