साहिबाबाद:- मौसम के बदलाव के साथ ही तापमान गिरने से यहां की हवा की सेहत बिगड़ गई है। सोमवार को गाजियाबाद देश का चौथा सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां शाम पांच बजे शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 324 दर्ज किया गया। इंदिरापुरम में हवा सबसे ज्यादा जहरीली रही, जहां एक्यूआई 380 दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी के करीब है। दिसंबर का यह पहला दिन था जब शहर का एक्यूआई 300 के पार बेहद खराब श्रेणी में दर्ज हुआ, जिससे हवा में सांस लेने में दिक्कत होने लगी है।
वातावरणीय स्थिति और प्रदूषण का प्रभाव
तापमान में गिरावट और हवा की गति कम होने से प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। यहां की हवा में धूल एवं धुएं के कण मानक से कई गुणा अधिक पाए गए हैं। इस स्थिति का सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ा है, खासतौर पर सांस संबंधी समस्याएं अधिक हो रही हैं। बीते कई दिनों से जिले की हवा मध्यम श्रेणी में बनी हुई थी, लेकिन अब यह गंभीर स्तर तक पहुंच गई है। रविवार को एक्यूआई 224 के साथ हवा खराब श्रेणी में पहुंच गई थी।
यह स्थिति नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के लिए चिंता का विषय बन गई है। साहिबाबाद, भोपुरा और लोनी में संचालित अवैध फैक्ट्रियों का भी हवा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इन क्षेत्रों में उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषक कण हवा में मिलकर प्रदूषण के स्तर को बढ़ा रहे हैं। विकास मिश्रा, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि तापमान में गिरावट और हवा की गति कम होने के कारण एक्यूआई बढ़ गया है।
ग्रैप का तीसरा चरण लागू
हवा की गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिए ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) का तीसरा चरण फिर से लागू कर दिया गया है। यह चरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विशेष उपायों की आवश्यकता पर जोर देता है। इसमें निर्माण कार्यों, पथ विक्रेताओं, वाहनों और अवैध उद्योगों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
ग्रैप के तीसरे चरण में, कड़े नियम और प्रतिबंध लगाए गए हैं ताकि प्रदूषण का स्तर नियंत्रित किया जा सके और लोगों की सेहत को सुरक्षित रखा जा सके। इसके तहत कुछ निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध, सड़क पर धूल को रोकने के लिए पानी का छिड़काव, वाहनों के उत्सर्जन की निगरानी और अवैध फैक्ट्रियों के खिलाफ कार्रवाई शामिल है।
प्रदूषण की समस्या साहिबाबाद जैसे क्षेत्रों के लिए एक बड़ा चुनौतीपूर्ण मुद्दा है। गिरते तापमान और कम होती हवा की गति प्रदूषण के स्तर को और बढ़ा देती है। हालात में सुधार के लिए सभी संबंधित विभागों और नागरिकों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, अगर तत्काल उपाय नहीं किए गए तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, एक स्थायी समाधान के लिए सख्त कार्रवाई और सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। भविष्य में ऐसे मामलों से निपटने के लिए तात्कालिक उपाय और दीर्घकालिक रणनीतियों दोनों की आवश्यकता है। साहिबाबाद में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए और अधिक सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता है, जिसमें सार्वजनिक जागरूकता, कड़े नियम और नियमों का प्रभावी पालन शामिल है।
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