दिल्ली पुलिस के बर्खास्त निरीक्षक को फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन की धोखाधड़ी करने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित मनीष पुरी के खिलाफ करीब दस साल पहले सीबीआई ने भी मामला दर्ज किया था, जिसकी जांच अभी तक चल रही है।
मसूरी एसीपी सिद्धार्थ गौतम ने जानकारी दी कि इस वर्ष अगस्त में मसूरी थाने में अंबर जेटली समेत छह लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई गई थी। जांच में पता चला कि मुख्य आरोपित अंबर जेटली के साथ इस मामले में दिल्ली के रोहिणी स्थित प्रिंटर अपार्टमेंट में रहने वाला मनीष पुरी भी शामिल है। मनीष, जो पहले मोटर व्हीकल विभाग में संभागीय निरीक्षक के तौर पर कार्यरत था, विभागीय कार्रवाई के बाद अगस्त 2022 में बर्खास्त कर दिया गया था।
पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि बर्खास्तगी के बाद भी मनीष पुरी यूपी पुलिस दारोगा की वर्दी पहनकर लोगों पर रौब दिखाता था और अपने निजी स्वार्थ साधने के लिए इसका इस्तेमाल करता था।
जमीन के फर्जी सौदे और पुराना रिकॉर्ड
पुलिस ने बताया कि मनीष अपने साथी रोहित, भसीन और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार करता था और उन्हें बेचता था। इस अवैध गतिविधि से अर्जित धन को आपस में बांटा जाता था।
आरोपित ने मुख्य आरोपी अंबर जेटली को दिल्ली के छावला क्षेत्र में इसी प्रकार फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमीन दिलाई थी। इसके अलावा, मनीष के खिलाफ 2012 और 2014 में फर्जीवाड़े से जुड़े दो मुकदमे भी दर्ज हैं।
वर्दी का दुरुपयोग
मसूरी एसीपी ने बताया कि गिरफ्तारी के समय मनीष पुरी यूपी पुलिस की वर्दी पहने हुए था, जबकि वह दो साल पहले ही बर्खास्त किया जा चुका था। वह लोगों पर वर्दी का दबदबा बनाकर धोखाधड़ी करता था।
इस पूरे मामले में पुलिस ने आरोपित को हिरासत में लेकर जांच तेज कर दी है। साथ ही, आरोपित के अन्य साथियों की भी तलाश जारी है।
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