आज का दिन इतिहास में भारतीय सेना की वीरता और अदम्य साहस की मिसाल के तौर पर दर्ज है। 1971 में इसी दिन भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को हराकर बांग्लादेश को स्वतंत्रता दिलाई थी। इस गौरवशाली अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य नेताओं ने 1971 के युद्ध में शहीद हुए वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विजय दिवस पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “विजय दिवस पर मैं हमारे बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं, जिन्होंने 1971 के युद्ध में अदम्य साहस का प्रदर्शन कर भारत के लिए विजय हासिल की। उनका बलिदान हर भारतीय को प्रेरणा देता रहेगा और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बना रहेगा।”
13 दिनों में रचा गया इतिहास 1971 का विजय दिवस 16 दिसंबर को पूरे देश में उस ऐतिहासिक युद्ध की याद में मनाया जाता है, जिसने बांग्लादेश को स्वतंत्रता दिलाई। यह युद्ध 13 दिनों तक चला, जिसके बाद 16 दिसंबर को पाकिस्तानी सेना ने ढाका में आत्मसमर्पण कर दिया। इस ऐतिहासिक घटना ने दुनिया के सामने भारतीय सेना की ताकत और प्रतिबद्धता का प्रमाण पेश किया।
उप-राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने किया नमन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लिखा, “विजय दिवस पर हम 1971 के युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं और हमारे सशस्त्र बलों की अद्वितीय वीरता का सम्मान करते हैं। उनका साहस और बलिदान हर भारतीय के लिए प्रेरणा है।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वीर सैनिकों को सलाम करते हुए कहा, “आज विजय दिवस पर हम उन सैनिकों के साहस और बलिदान को याद करते हैं, जिन्होंने 1971 में भारत की ऐतिहासिक जीत सुनिश्चित की। उनका समर्पण और अडिग संकल्प पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।”
रक्षा मंत्री और विपक्ष के नेताओं ने अर्पित की श्रद्धांजलि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लिखा, “विजय दिवस पर मैं सशस्त्र बलों के अदम्य साहस और बलिदान को नमन करता हूं। 1971 के युद्ध के वीरों का सर्वोच्च बलिदान देश के इतिहास में अमिट रहेगा।”
शहीदों की याद में हुए कार्यक्रम इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आर्मी हाउस में आयोजित ‘एट-होम’ रिसेप्शन में भाग लिया, जिसमें उपराष्ट्रपति, रक्षा मंत्री, और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान भी शामिल हुए। रिपोर्टों के अनुसार, 1971 के युद्ध में 3,900 भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए और 9,851 घायल हुए।
भारत और बांग्लादेश की संयुक्त श्रद्धांजलि भारत और बांग्लादेश ने 1971 के युद्ध की 53वीं वर्षगांठ संयुक्त रूप से मनाई। इस मौके पर युद्ध के दिग्गजों और वर्तमान अधिकारियों के बीच वार्षिक आदान-प्रदान हुआ। इस युद्ध ने न केवल बांग्लादेश को एक नई पहचान दी, बल्कि भारत के वैश्विक सामरिक कद को भी मजबूत किया।
1971 का विजय दिवस न केवल भारतीय सेना की वीरता का प्रतीक है, बल्कि यह उस समर्पण और साहस की गाथा भी है, जिसने दक्षिण एशिया का भूगोल बदल दिया। यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व और सम्मान का अवसर है, जो हमारे वीर जवानों के अदम्य साहस और बलिदान की याद दिलाता है।
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