भारत में घुसपैठ का बढ़ता खतरा: फर्जी दस्तावेजों के जरिए विदेशी नागरिक बन रहे भारतीय

भारत में पड़ोसी देशों के नागरिकों द्वारा अवैध घुसपैठ की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इनमें सबसे बड़ी संख्या बांग्लादेशी नागरिकों की है, जो भारत में प्रवेश करने के बाद फर्जी दस्तावेज तैयार कर भारतीय पहचान प्राप्त कर रहे हैं। इन दस्तावेजों की मदद से ये एजेंटों के जरिए भारतीय पासपोर्ट बनवाते हैं और खुद को भारतीय नागरिक बताकर विदेश तक पहुंचने में सफल हो रहे हैं।
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस की कार्रवाई
दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने 2024 में अब तक 12 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। ये या तो भारतीय पासपोर्ट का उपयोग कर विदेश जाने की कोशिश कर रहे थे या विदेश से वापस लौटे थे। पुलिस का कहना है कि इन नागरिकों ने फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों के जरिए भारतीय पासपोर्ट प्राप्त किया था।
कैसे करते हैं घुसपैठ और पहचान प्राप्त
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, बांग्लादेशी नागरिक भारत में प्रवेश करने से पहले अपनी पहचान और राष्ट्रीयता छिपाते हैं। सीमा पार करने के बाद वे एजेंटों की मदद से नकली दस्तावेज जैसे आधार कार्ड बनवाते हैं। आधार कार्ड के आधार पर ये लोग भारतीय नागरिक होने का दावा करते हैं और फिर अन्य फर्जी दस्तावेजों के जरिए पासपोर्ट हासिल करते हैं। इस प्रक्रिया से न केवल वे भारत में अवैध रूप से रह पाते हैं बल्कि विदेश में भी ठिकाना बना लेते हैं।
फर्जी दस्तावेजों का नेटवर्क
जांच में यह सामने आया है कि बांग्लादेश में कई ऐसे एजेंट सक्रिय हैं, जो अपने भारतीय नेटवर्क के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार करवाते हैं। इन एजेंटों का जाल पश्चिम बंगाल, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब, ओडिशा और राजस्थान तक फैला हुआ है।
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस उपायुक्त ऊषा रंगनानी ने बताया कि 2024 में अब तक फर्जी भारतीय पासपोर्ट के साथ 19 विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें 12 बांग्लादेशी, 3 म्यांमार के, 3 नेपाली और 1 अफगानी नागरिक शामिल हैं।
एजेंटों का भंडाफोड़
पुलिस ने 23 एजेंटों को भी गिरफ्तार किया है, जिनमें एक बांग्लादेशी और एक म्यांमार का नागरिक शामिल है। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल से 9, दिल्ली से 4, महाराष्ट्र से 3 और अन्य राज्यों से एक-एक एजेंट को गिरफ्तार किया गया है। ये एजेंट विदेशी नागरिकों के लिए नकली भारतीय दस्तावेज तैयार करने में शामिल थे।
कैसे होता है दस्तावेज तैयार
एजेंट सबसे पहले विदेशी नागरिकों के लिए नकली जन्म प्रमाण पत्र तैयार करते हैं। इन प्रमाण पत्रों के आधार पर आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बनाए जाते हैं। इसके बाद, ये लोग इन फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर भारतीय पासपोर्ट प्राप्त करते हैं। यह पासपोर्ट अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए उपयोग किया जाता है, जिससे ये नागरिक विदेशों में भी अपनी पहचान छिपाने में कामयाब हो जाते हैं।
सख्त कार्रवाई की जरूरत
पुलिस की लगातार कार्रवाई के बावजूद इस अवैध नेटवर्क का खतरा बढ़ता जा रहा है। फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारतीय पहचान और पासपोर्ट प्राप्त करना न केवल भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गंभीर चिंता का विषय है। इस पर कड़ा नियंत्रण और निगरानी आवश्यक है।
भारत में घुसपैठ और फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करने वाले नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है। इसके लिए सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के साथ-साथ फर्जी दस्तावेजों की पहचान के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करना होगा। पुलिस और प्रशासन को इस दिशा में और तेजी से काम करना होगा ताकि देश की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।
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