कश्मीर-हिमाचल में बर्फबारी, यूपी में पारा गिरा – शीतलहर अलर्ट जारी

उत्तर भारत:- मैदानों में लगातार शुष्क दौर से गुजरने के बाद अब मौसम करवट ले रहा है। गुरुवार को कश्मीर के निचले इलाकों में पहली बर्फबारी हुई, जबकि हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में लगातार बर्फबारी जारी है। यह बदलाव मौसम में ठंडक का अहसास करा रहा है और उत्तर भारत में सर्दी के तेवर दिखने लगे हैं।
दिल्ली-यूपी में बढ़ी सर्दी की चुनौती
दिल्ली और उत्तर प्रदेश में शीतलहर अपनी तेज गति से चल रही है। धूप निकलने के बावजूद ठंड बढ़ी हुई है और न्यूनतम तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट के साथ सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस कम रहा। दिल्ली में लगातार दूसरे दिन शीतलहर जैसी स्थिति रही, जो कि पिछले तीन वर्षों में दिसंबर में सबसे अधिक ठंडा मौसम है। आने वाले दिनों में पहाड़ों से बर्फीली हवाएं लगातार दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में ठंड बढ़ाने का काम करेंगी।
दक्षिण भारत में बारिश का दौर
दक्षिणी राज्यों में स्थिति थोड़ी अलग है। तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में बारिश का दौर चल रहा है, जो जनजीवन को प्रभावित कर रहा है। विशेष रूप से तमिलनाडु में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। बारिश के कारण सड़कों पर जलजमाव और यातायात में व्यवधान जैसे मुद्दे उत्पन्न हो रहे हैं।
मौसम की भविष्यवाणी
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि जनवरी के बाद सर्दी का ढलान शुरू हो सकता है। इस समय में मानसून के कारण लगभग दो हफ्ते की देर से सर्द मौसम की वापसी हो रही है। मजबूत पश्चिमी विक्षोभ की कमी के चलते दिसंबर के पहले सप्ताह तक सामान्य से ऊपर तापमान रहा, लेकिन जैसे ही पहाड़ों में बर्फबारी होगी, ठंड और बढ़ेगी।
आगे की संभावनाएं
आगे आठ-दस दिनों तक कोई अन्य विक्षोभ नहीं आने की संभावना है। इसके चलते जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत मैदानी राज्यों में तापमान में गिरावट बनी रहेगी। बर्फबारी का असर कम होते ही सर्द हवाएं भी धीरे-धीरे गर्म होने लगेंगी। मौसम विभाग ने दिल्ली, यूपी, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है।
मौसम का यह परिवर्तन उत्तर भारत के लिए एक चुनौतीपूर्ण दौर ला रहा है। ठंडी हवाओं और बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है। आने वाले दिनों में स्थिति थोड़ी स्थिर होगी, लेकिन ठंडक बनी रहेगी। दक्षिण भारत में बारिश का दौर भी जारी रहेगा, जिससे राज्य और भी चुनौतीपूर्ण मौसम का सामना कर रहे हैं।
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