लोकसभा में आज संविधान पर चर्चा चल रही थी, जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बहस की शुरुआत की और कांग्रेस पर तीखे हमले किए। इसके बाद, वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने पहली बार संसद में भाषण दिया। प्रियंका ने अपनी बातों से भाजपा पर कटाक्ष करते हुए संविधान के महत्व और समाज के मुद्दों पर प्रकाश डाला।
संविधान की शक्ति और लोकतंत्र प्रियंका गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत में स्पष्ट किया कि आजादी की लड़ाई में हर वर्ग ने हिस्सा लिया। सभी भारतीयों ने स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया और एक साझा आवाज उभरी जो देश की आवाज बन गई। प्रियंका ने कहा कि यह आवाज हमारा संविधान है – एक ऐसा दस्तावेज़ नहीं, बल्कि लोकतंत्र की ताकत है। इसके निर्माण में बाबा साहेब आंबेडकर, मौलाना आजाद और जवाहरलाल नेहरू जैसे नेताओं का योगदान अविस्मरणीय है।
उन्होंने कहा, “हमारा संविधान अभिव्यक्ति और आकांक्षाओं की एक ज्योत है जो हर हिंदुस्तानी के दिल में जलती है। इसमें अपने अधिकारों की आवाज उठाने की क्षमता है। संविधान ने हमें यह शक्ति दी है कि हम सरकार बना सकते हैं और उसे बदल सकते हैं, और सत्ता को उसके सामने झुकना पड़ेगा।”
सामाजिक मुद्दों पर चर्चा प्रियंका ने उन्नाव रेप कांड का मुद्दा उठाते हुए समाज की भयावह स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “20 साल की एक लड़की अपनी लड़ाई लड़ रही थी, लेकिन उसे जलाकर मार दिया गया। बेटी के पिता ने उसे रोका भी था, लेकिन उसने जवाब दिया कि मैं अपनी लड़ाई खुद लड़ूंगी। यह क्षमता उसे संविधान ने ही दी है।”
इसके बाद, प्रियंका गांधी ने अपने पहले भाषण में यूपी के संभल हिंसा का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, “एक 17 साल का बच्चा अदनान मेरे पास आया था, वह संभल हिंसा का पीड़िता था। वह एक टेलर का बेटा था जो हर रोज अपने बच्चे को स्कूल छोड़ने जाता था। जब उसके पिता छोड़ने जा रहे थे, तो हिंसा हुई और पुलिस की गोली में उनकी जान चली गई। जब लड़का मुझसे मिला, तो उसने कहा कि उसके पिता उसे डॉक्टर बनाना चाहते थे और वह सपने को पूरा करेगा। यह सपने देखने की ताकत भी संविधान ने ही दी है।”
प्रियंका गांधी के पहले भाषण ने न केवल संविधान की ताकत और लोकतांत्रिक मूल्यों की पुष्टि की बल्कि समाज की गंभीर समस्याओं को भी उजागर किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि संविधान सिर्फ एक दस्तावेज नहीं है, बल्कि एक जिंदा शक्ति है जो हमारे अधिकारों की रक्षा करता है और हमें हमारे सपनों को पूरा करने की ताकत देता है। प्रियंका का यह भाषण न केवल उनके विचारों को स्पष्ट करता है बल्कि उनके नेतृत्व की दिशा भी दर्शाता है, जो समाज के कमजोर वर्गों की आवाज को प्रमुखता देने का वादा करता है।
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