नकली दवाओं का खेल: सेहत के साथ खिलवाड़ का पर्दाफाश

गाजियाबाद:- मोदीनगर स्थित मानवतापुरी कॉलोनी में नकली दवाओं के बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। औषधि नियंत्रण विभाग की संयुक्त टीम ने दो गोदामों पर छापा मारकर 12 लाख रुपये मूल्य की लगभग आठ लाख नकली टैबलेट बरामद की हैं। इन दवाओं में बुखार, बदन दर्द, सांस रोग और गठिया बाय की दवाएं शामिल हैं, जो पूरे देश में सप्लाई की जा रही थीं। छापेमारी के दौरान नकली दवाओं के उत्पादन में इस्तेमाल किए जाने वाले रसायन, पैकिंग सामग्री और मशीनरी भी जब्त की गई।
मुख्य तथ्य
गिरफ्तारी: इस अवैध कारोबार के आरोपी मुकेश भाटिया को गिरफ्तार किया गया है। गोदाम उसके भाई मंटू भाटिया के नाम पर पंजीकृत थे।
दवाओं का इस्तेमाल: नकली दवाओं में “फेनिलबुटाजोन” और “डेक्सामेटासोन” शामिल थीं। फेनिलबुटाजोन दर्द निवारक और सूजन के लिए इस्तेमाल होती है, जबकि डेक्सामेटासोन स्टेरॉयड गठिया जैसी बीमारियों के लिए बेची जा रही थी।
पहले भी मामला: डेढ़ साल पहले इसी क्षेत्र की छोटी मार्केट में नकली दवाओं का बड़ा रैकेट पकड़ा गया था। उस समय भी नकली दवाओं के कारोबार में रूपचंद सेन और उनके बेटे को गिरफ्तार किया गया था।
गंभीर प्रभाव: स्टेरॉयड का गलत इस्तेमाल तत्काल राहत देता है, लेकिन लिवर और किडनी पर इसके दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं।
कार्रवाई और जांच
औषधि निरीक्षक आशुतोष मिश्रा ने बताया कि यह रैकेट लंबे समय से सक्रिय था और इसका नेटवर्क यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश तक फैला है। पूछताछ के बाद और भी आरोपी सामने आने की संभावना है।
यह घटना नकली दवाओं के खतरनाक कारोबार और जनता की सेहत पर इसके प्रभाव को उजागर करती है। प्रशासन इस मामले में कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
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