गाजियाबाद:- बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ गाजियाबाद के लोगों का गुस्सा रविवार को फूट पड़ा। कविनगर रामलीला मैदान में 43 हिंदू संगठनों ने एकजुट होकर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवकों और भाजपा नेताओं ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।
प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस का पुतला जलाकर नारे लगाए, जिनमें मुख्य रूप से कहा गया, “बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार, नहीं सहेगा हिंदू समाज,” और “बंटोगे तो कटोगे, घटोगे; एकजुट रहोगे तो सुरक्षित रहोगे।”
राष्ट्रपति को ज्ञापन, चिंतन और मांगें सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक आयोजित आक्रोश सभा के उपरांत, राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन एसडीएम अरुण दीक्षित को सौंपा गया। ज्ञापन में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की गई। साथ ही बांग्लादेश की जेल में बंद हिंदू नेता चिन्मय कृष्णदास की रिहाई का भी आग्रह किया गया।
नेताओं ने मंच की बजाय जनता के बीच बैठकर हिस्सा लिया सभा में उपस्थित मंत्री, सांसद, और विधायकों ने मंच की जगह जनता के बीच बैठकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस अवसर पर काबीना मंत्री सुनील शर्मा, सांसद अतुल गर्ग और लोनी के विधायक नंद किशोर गुर्जर ने सभा में भाग लिया। भीड़ की भारी संख्या को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर रूट डायवर्जन कर दिया और कविनगर रामलीला मैदान की ओर यातायात रोक दिया।
1971 की तरह कदम उठाने की जरूरत: अतुल गर्ग भाजपा सांसद अतुल गर्ग ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि बांग्लादेश में हालात नहीं सुधरे, तो भारत सरकार को 1971 की तरह सख्त निर्णय लेना होगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार इस मसले पर नजर बनाए हुए है और बांग्लादेश के राजदूतों से लगातार संवाद कर रही है।
वैश्विक संस्थाओं की चुप्पी पर सवाल: नारायण गिरी दूधेश्वरनाथ मठ के महंत नारायण गिरी ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर वैश्विक संस्थाएं चुप्पी साधे हुए हैं। महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म की घटनाओं पर भी उनकी निष्क्रियता चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं ने कभी कोई गैरकानूनी काम नहीं किया, फिर भी उनके लिए हालात नारकीय हो गए हैं।
अत्याचार रोकने में असफल बांग्लादेश सरकार: डॉ. पवन सिन्हा पावन चिंतन धारा आश्रम के संस्थापक डॉ. पवन सिन्हा ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार रोकने में अंतरिम सरकार पूरी तरह विफल साबित हो रही है। वहां हिंदू समुदाय के लोग अमानवीय परिस्थितियों में जीवन जीने को मजबूर हैं।
पांच प्रकार के जिहाद का मुद्दा: अश्विनी उपाध्याय सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने सभा में कहा कि भारत में पांच प्रकार के जिहाद सक्रिय हैं—धर्मांतरण जिहाद, लव जिहाद, ड्रग जिहाद, घुसपैठ जिहाद और जनसंख्या जिहाद। उन्होंने इन गतिविधियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कड़ी कार्रवाई की मांग की।
नतीजों की प्रतीक्षा यह प्रदर्शन हिंदू समाज की एकता और सुरक्षा के लिए सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास है। लोगों को उम्मीद है कि भारत सरकार इस गंभीर मुद्दे पर आवश्यक कदम उठाएगी।
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