सीरिया में हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। बशर अल-असद की सरकार को विद्रोहियों के बढ़ते दबाव के बीच नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। अरब समर्थित विद्रोहियों द्वारा दो प्रमुख शहरों पर कब्जा करने के बाद, अब अमेरिका समर्थित कुर्द बलों ने देश के पूर्वी हिस्से में रणनीतिक शहर दीर अल-जोर पर कब्जा जमा लिया है। यह क्षेत्र विद्रोहियों के लिए एक अहम जीत है, और अब उनकी नजर इराक की सीमा पर बसे अल्बुकमल शहर पर है।
विद्रोही गुटों का तेजी से बढ़ता प्रभाव विद्रोहियों की प्रगति असद सरकार को लगातार कमजोर कर रही है। अलेप्पो और हामा जैसे प्रमुख शहरों पर नियंत्रण खोने के बाद, अब विद्रोही होम्स शहर की ओर बढ़ रहे हैं। होम्स का विद्रोहियों के हाथ जाना, दमिश्क का अन्य क्षेत्रों से संपर्क तोड़ सकता है। यह न केवल असद सरकार के लिए बल्कि रूस के लिए भी चिंता का विषय है, क्योंकि होम्स क्षेत्र में रूस के सैन्य और नौसेना ठिकाने स्थित हैं।
ईरान और हिजबुल्ला का समर्थनअसद सरकार को गिरने से बचाने के लिए ईरान ने मिसाइल, ड्रोन, और अन्य हथियारों के साथ-साथ सैन्य सलाहकार भी भेजे हैं। लेबनान स्थित सशस्त्र समूह हिजबुल्ला भी सीरिया में सक्रिय हो गया है। हालांकि, यूक्रेन युद्ध और इजरायल द्वारा हिजबुल्ला पर की गई हालिया कार्रवाई ने असद के समर्थन को कमजोर किया है।
रूस का हस्तक्षेप और संकट बढ़ने की आशंका
रूस ने विद्रोहियों को रोकने के लिए कदम उठाए हैं, लेकिन उसकी भूमिका अब सीमित होती दिख रही है। होम्स क्षेत्र के एक पुल पर रूस द्वारा की गई बमबारी ने विद्रोहियों के कूच को धीमा किया है, लेकिन संकट पूरी तरह से टलता नहीं दिख रहा।
सीरिया में फंसे भारतीय नागरिकों के लिए सरकार की सलाह
भारत सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एक आपातकालीन सलाह जारी की है। सभी भारतीय नागरिकों को अगली सूचना तक सीरिया की यात्रा से बचने के लिए कहा गया है। जो भारतीय नागरिक पहले से सीरिया में हैं, उन्हें जल्द से जल्द भारत लौटने की सलाह दी गई है। दमिश्क स्थित भारतीय दूतावास ने एक हेल्पलाइन नंबर और ईमेल आईडी साझा की है, जिससे भारतीय नागरिक मदद प्राप्त कर सकते हैं।
क्या हो सकता है आगे?
सीरिया का संकट गहराता जा रहा है, और अगर विद्रोही होम्स पर कब्जा कर लेते हैं, तो यह असद सरकार के लिए एक निर्णायक झटका साबित हो सकता है। क्षेत्रीय और वैश्विक शक्तियों के हस्तक्षेप के बावजूद, सीरिया में स्थिरता की उम्मीद कम होती जा रही है। इस संघर्ष ने न केवल सीरिया की जनता को बल्कि पूरे मध्य पूर्व को अस्थिरता की कगार पर पहुंचा दिया है।
यह स्पष्ट है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जल्द से जल्द इस संकट का समाधान निकालने के लिए एकजुट होना होगा, अन्यथा सीरिया में हिंसा और संघर्ष और भी बढ़ सकता है।
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