भारत की वैश्विक पहचान व आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता: विदेश मंत्री एस. जयशंकर की दृष्टि

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में एक कार्यक्रम में अपने विचार साझा किए, जो देश की बदलती छवि, राष्ट्रीय सुरक्षा, और वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका को लेकर उनके स्पष्ट और प्रभावी दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा दौर देख रहा है, जहां परंपराओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखते हुए, देश तकनीक और नवाचार के जरिए भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
आतंकवाद के खिलाफ भारत का बदलता रुख
जयशंकर ने भारत की आतंकवाद के प्रति रणनीति में बदलाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश ने 26/11 जैसे बड़े आतंकी हमले के बाद जिस प्रकार संयम दिखाया था, उसकी तुलना में आज उरी और बालाकोट जैसे निर्णायक सैन्य अभियानों के माध्यम से एक स्पष्ट और कठोर संदेश दिया है। यह बदलाव भारत की सुरक्षा नीतियों में आत्मविश्वास और दृढ़ता का परिचायक है। उन्होंने इसे “नए भारत की मानसिकता” करार दिया, जो अपने नागरिकों और सीमाओं की सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की रियायत नहीं देता।
वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती भूमिका
भारत के वर्तमान दौर को विदेश मंत्री ने वैश्विक विमर्श को आकार देने वाला समय बताया। उन्होंने चीन के साथ सीमा विवादों और अन्य भू-राजनीतिक चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि देश इन सभी मुद्दों को ठोस संकल्प के साथ सुलझा रहा है। उनका मानना है कि ऐसे समय में विदेश मंत्री के रूप में काम करना न केवल चुनौतीपूर्ण बल्कि प्रेरणादायक भी है।
जयशंकर ने कहा कि आज भारत वैश्विक मंच पर अपनी नीतियों और पहचानों को मजबूती से स्थापित कर रहा है। देश की यह सफलता न केवल महानगरों तक सीमित है, बल्कि ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों से आए लोगों की भागीदारी भी इसे शक्ति प्रदान कर रही है।
क्वाड और भारत की रणनीतिक कूटनीति
चर्चा के दौरान क्वाड (QUAD) के महत्व और विकास पर भी जयशंकर ने विस्तार से चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि क्वाड की शुरुआत अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में हुई थी और इसे सफल बनाने में ट्रंप प्रशासन का बड़ा योगदान रहा। यह संगठन भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, और अमेरिका के बीच सहयोग का प्रतीक है, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।
जयशंकर ने इस बात को भी रेखांकित किया कि भारत ने अपने कूटनीतिक दृष्टिकोण में स्थिरता बनाए रखी है, चाहे वैश्विक राजनीति में कितना भी उतार-चढ़ाव क्यों न हो। उन्होंने क्वाड के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह समूह एक स्थायी और न्यायसंगत वैश्विक व्यवस्था के निर्माण में मदद करेगा।
भारत का समावेशी दृष्टिकोण
जयशंकर ने कहा कि भारत आज समान अवसरों का प्रतीक बन चुका है। चाहे वह शिक्षा, विज्ञान, राजनीति, या खेल का क्षेत्र हो—हर नागरिक को प्रगति का समान अवसर दिया जा रहा है। यह सफलता केवल अभिजात वर्ग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारतीय समाज के हर हिस्से की उपलब्धियों को दर्शाती है।
Exit mobile version