गाजियाबाद:- ठगों का एक नया तरीका सामने आया है, जहां उन्होंने शेयर ट्रेडिंग और फाइनेंस के नाम पर दो अलग-अलग मामलों में लोगों से लाखों रुपये ठग लिए। इस धोखाधड़ी ने लोगों के विश्वास को छलने का नया तरीका अपनाया, जिससे उनकी मेहनत की कमाई को चूना लगाया गया। इन दोनों मामलों में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और ठगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है।
शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ठगी: 13.50 लाख रुपये की हेराफेरी
गाजियाबाद के निवासी विरेंद्र कुमार ने बताया कि उन्हें फेसबुक पर शेयर ट्रेडिंग के बारे में जानकारी मिली थी। एक शातिर आरोपी, भूमि ठाकुर ने उन्हें संपर्क किया और एक नामी शेयर ट्रेडिंग एप “वी बुल” के बारे में बताया। इसके बाद ठग ने उन्हें एप डाउनलोड करवाई और रुपये निवेश करने के लिए प्रेरित किया।
विरेंद्र कुमार ने पहले 7 अक्टूबर को 50,000 रुपये का निवेश किया। पोर्टल पर उन्हें मुनाफे की राशि दिखाई गई, जिससे उनका विश्वास बढ़ा और उन्होंने और अधिक निवेश करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे उनका निवेश बढ़कर 13.50 लाख रुपये तक पहुंच गया। ठगों ने अलग-अलग नौ बैंक खातों में इन पैसों को ट्रांसफर कर लिया, और युवक को यकीन दिलाने के लिए मुनाफे की राशि भी वॉलेट में दिखाए रखते थे।
इस मामले को लेकर साइबर थाना पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है। एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने कहा है कि ठगों के द्वारा जिन खातों में रकम ट्रांसफर की गई थी, उनकी जानकारी भी खंगाली जा रही है ताकि आरोपियों तक पहुंचा जा सके। पुलिस पूरी कोशिश कर रही है कि ठगों को पकड़कर कड़ी कार्रवाई की जाए।
कार फाइनेंस के नाम पर ठगी: 13.50 लाख रुपये की बकाया राशि
दूसरी घटना क्रॉसिंग रिपब्लिक से जुड़ी है, जहां एक रिकवरी डिपार्टमेंट के कर्मचारी अजीत सिंह ने कंपनी के खिलाफ ठगी का आरोप लगाया है। आरोप है कि कंपनी ने उन्हें एक कार फाइनेंस कराई थी, लेकिन बकाया राशि को लेकर धोखाधड़ी की गई। 2022 में 22,41,551 रुपये की राशि का सेटलमेंट हुआ था, जिसमें से 16,10,000 रुपये का भुगतान 28 दिसंबर 2022 तक किया जाना था। हालांकि, 14 अक्टूबर 2024 तक उन्होंने दो किश्तों में नौ लाख रुपये दिए, लेकिन शेष 13.50 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया गया।
अजीत सिंह का आरोप है कि कार की किस्तों के भुगतान को लेकर बार-बार संपर्क करने के बावजूद, कंपनी के लोग न तो संपर्क में आ रहे हैं और न ही कार का कोई विवरण दे रहे हैं। इस मामले को लेकर पुलिस ने साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई करने की बात कही है। एसीपी वेव सिटी लिपि नगायच ने कहा कि जल्द ही मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ठगी के बढ़ते मामले और पुलिस की सक्रियता
गाजियाबाद में ठगों द्वारा की जा रही धोखाधड़ी के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों के माध्यम से ठग अब लोगों को आकर्षक निवेश योजनाओं का लालच देकर लाखों रुपये हड़प रहे हैं। पुलिस इन मामलों पर नजर बनाए हुए है और ठगों को पकड़ने के लिए विभिन्न उपायों का सहारा ले रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार, ऑनलाइन निवेश के नाम पर ठगी करने वाले ठग अक्सर लोगों को झांसा देने के लिए फर्जी वॉलेट्स, मुनाफे के दिखावे और लेन-देन की बातों का सहारा लेते हैं। इन ठगों का लक्ष्य लोगों को मानसिक रूप से प्रभावित करना और फिर उनकी मेहनत की कमाई को चुराना होता है।
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