पिनाका रॉकेट सिस्टम:- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने गाइडेड पिनाका रॉकेट सिस्टम के उड़ान परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह परीक्षण पीएसक्यूआर (प्रोविजनल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट) वैलिडेशन ट्रायल के तहत किए गए थे, जिनका उद्देश्य रेंज, सटीकता, स्थिरता और सैल्वो मोड में प्रणाली की प्रदर्शन क्षमता को जांचना था।
इन परीक्षणों में पिनाका रॉकेट ने शानदार सफलता प्राप्त की है। इसके द्वारा किए गए परीक्षणों में कुल बारह रॉकेटों का परीक्षण किया गया, जिनमें दो इन-सर्विस पिनाका लांचर का उपयोग किया गया था। इसके परिणामों से यह स्पष्ट हुआ कि पिनाका सिस्टम की मारक क्षमता में भारी इजाफा हुआ है। पहले पिनाका रॉकेट की मारक क्षमता 38 किलोमीटर थी, जो अब बढ़कर 75 किलोमीटर तक हो गई है, और सटीकता में भी कई गुना सुधार हुआ है। अब यह रॉकेट 25 मीटर के दायरे में सटीक निशाना साधने की क्षमता रखता है।
पिनाका रॉकेट सिस्टम की रफ्तार भी शानदार है, जो 1000-1200 मीटर प्रति सेकंड तक पहुँच सकती है, यानी एक सेकंड में एक किलोमीटर की रफ्तार। एक बार फायर होने के बाद इसे रोक पाना लगभग असंभव है।
इसके अलावा, पिनाका लॉन्चर के तीन प्रमुख वैरिएंट्स हैं – MK-1, MK-2 और MK-3 (जो अभी निर्माणाधीन है)। इस रॉकेट लॉन्चर की लंबाई 16 फीट 3 इंच से लेकर 23 फीट 7 इंच तक है, और इसका व्यास 8.4 इंच है। इस प्रणाली का नाम भगवान शिव के प्रसिद्ध धनुष “पिनाक” के नाम पर रखा गया है, जिसे भगवान परशुराम द्वारा उपयोग किया जाता था।
यह नई पिनाका प्रणाली न केवल भारतीय रक्षा क्षमता को मजबूत करेगी, बल्कि यह दुश्मनों के लिए भी एक खौ़फ का कारण बनेगी, जो अब अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए इससे पहले से कहीं अधिक दूरी तय करेंगे। DRDO की इस सफलता ने भारतीय सेना की ताकत को और भी मजबूती दी है।
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