11वीं राष्ट्रीय आरडब्ल्यूए (NCRWA) सम्मेलन का आयोजन आज इंजीनियरिंग स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया में किया गया, जो अखिल भारतीय राष्ट्रीय आरडब्ल्यूए निकाय कोरवा (CoRWA) द्वारा आयोजित किया गया। इस सम्मेलन का उद्देश्य भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थानीय नागरिकों और शहरी समुदायों की समस्याओं पर विचार विमर्श करना, साथ ही आरडब्ल्यूए (Resident Welfare Associations) के महत्व और प्रभावी समाधान हेतु चर्चा करना था।
कोरवा (CoRWA) ने अब तक NCRWA के 11 सम्मेलन आयोजित किए हैं, जो क्रमशः विशाखापत्तनम, मुंबई, त्रिवेंद्रम, चेन्नई, बैंगलोर, दिल्ली, और गाजियाबाद जैसे प्रमुख शहरों में आयोजित हो चुके हैं। यह सम्मेलन स्थानीय समस्याओं, शहरी परिवेश में सुधार, नागरिक सुविधाओं, पर्यावरणीय उपायों, और शहरी नीतियों में बदलाव की दिशा में अहम कदम साबित हुए हैं।
मुख्य अतिथि और कार्यक्रम:
सम्मेलन के पहले और दूसरे दिन के मुख्य अतिथि माननीय श्री तुम्माला नागेश्वर राव गरु, जो तेलंगाना राज्य के **कृषि और सहकारिता मंत्री हैं, और श्री राजन चिब्बर, जो स्कोडा ग्रुप के वरिष्ठ सलाहकार हैं, थे। इनके नेतृत्व में सम्मेलन में शहरी सुधारों, नागरिक कल्याण और पर्यावरणीय पहलुओं पर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
राष्ट्रीय कार्यकारी समिति का गठन:
इस सम्मेलन में गाजियाबाद के कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी** को सर्वसम्मति से कोरवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुना गया। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय कार्यकारी समिति का गठन भी किया गया। यह समिति शहरी विकास, पर्यावरण सुरक्षा, और स्थानीय समुदायों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं को कार्यान्वित करेगी। निम्नलिखित सदस्य कार्यकारी समिति में चुने गए हैं:
प्रमुख पदाधिकारी:
अध्यक्ष: कर्नल टी. पी. त्यागी, वीर चक्र (उत्तर प्रदेश)
महासचिव: श्री बी.टी. श्रीनिवासन (तेलंगाना)
मुख्य संयोजक: डॉ. के.एस.आर. मूर्ति (आंध्र प्रदेश)
कोषाध्यक्ष: श्री आर.एस.वी. बद्रीनाथ (तेलंगाना)
सह-कोषाध्यक्ष: श्री जी.आर.एस. प्रसाद राव (तेलंगाना)
आंतरिक लेखा परीक्षक: श्री के.एच.एस. शर्मा (तेलंगाना)
उपाध्यक्ष:
जे.एम.एस. नागराजुनन (तमिलनाडु)
मेजर शिव किरण (तेलंगाना)
मुरली धरन (केरल)
ज्ञान सिंह (उत्तर प्रदेश)
एम. दुर्गा प्रसाद (आंध्र प्रदेश)
ए आर प्रसन्ना कुमार (कर्नाटक)
श्रीमती रुबी मखीजा (दिल्ली)
नितिन नानाजी गाडेवार (महाराष्ट्र)
सचिव:
अजित कुमार (केरल)
डी. नील कन्नन (तमिलनाडु)
वी.वी. राव (तेलंगाना)
सौरभ गांधी (दिल्ली)
राम अवतार सिंह पचौरी (उत्तर प्रदेश)
के. जी. रामाराव (आंध्र प्रदेश)
श्रीमती वासुमती पुरुशोत्तमन (कर्नाटक)
एस. करुणाकर (तेलंगाना)
सह-सचिव:
टी. सेरालथन (तमिलनाडु)
श्रीमती संध्या पावर (कर्नाटक)
नारा जोशी (आंध्र प्रदेश)
डॉ. मधु सिंह (उत्तर प्रदेश)
श्रीमती उर्वशी वालिया (दिल्ली)
एम.के. बीरन (केरल)
श्रीमती गीता वी.वी. राव (तेलंगाना)
सम्मेलन के महत्वपूर्ण निर्णय:
सम्मेलन में शहरी सुधार, पर्यावरण सुरक्षा, नागरिक कल्याण और समग्र सतत विकास के लिए कई अहम निर्णय लिए गए। ये निर्णय विशेष रूप से आरडब्ल्यूए की भूमिका को मजबूत करने, शहरी शासन को नागरिकों के प्रति अधिक उत्तरदायी बनाने, और पर्यावरणीय दायित्वों को पूरा करने के लिए मार्गदर्शन करेंगे। प्रमुख निर्णय इस प्रकार हैं:
1. आरडब्ल्यूए की भूमिका: प्रत्येक आरडब्ल्यूए को भारत की सहभागी लोकतंत्र में “तीसरी आँख” और शासन की “चौथी परत” माना जाएगा, जो प्रशासन और सरकारी नीतियों में नागरिकों के अधिकारों और भलाई के लिए निगरानी रखेगा।
2. कोरवा को सिविल सोसाइटी के रूप में मान्यता: कोरवा को भारत की सिविल सोसाइटी माना जाएगा, जो शहरी समुदायों और नागरिकों के कल्याण के लिए काम करेगा।
3. स्वच्छ लैंडफिल और ई-कचरा संग्रहण केंद्र: सभी नगरपालिकाओं को डंपिंग ग्राउंड की बजाय स्वच्छ लैंडफिल बनाने और ई-कचरा संग्रह केंद्र स्थापित करने का निर्देश दिया जाएगा। इससे न केवल पर्यावरण की सुरक्षा होगी बल्कि कचरे की बेहतर तरीके से पुनः उपयोग भी हो सकेगा।
4. वर्षा जल संचयन: स्थिरता के लिए, प्रत्येक शहर की प्रत्येक कॉलोनी में वर्षा जल संचयन गड्ढे खोदे जाने चाहिए ताकि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम किया जा सके और जल संरक्षण की दिशा में कदम उठाए जा सकें।
5. महिलाओं की भागीदारी: कोरवा की सभी समितियों में महिलाओं को अधिक भागीदारी देने का निर्णय लिया गया, ताकि निर्णय लेने की प्रक्रिया में लैंगिक समानता को बढ़ावा मिले।
6. नियमों का पालन: भवन मालिकों को फुटपाथ पर सुरक्षा झोपड़ी, कार पार्किंग या लॉन बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इससे सार्वजनिक स्थानों की अतिक्रमण से बचाव होगा।
7. मध्यस्थता केंद्रों का पुनः डिज़ाइन: रेरा अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत होम बायर्स का शोषण रोकने के लिए मध्यस्थता केंद्रों का पुनः डिज़ाइन किया जाएगा, ताकि प्रॉपर्टी खरीददारों के अधिकारों की रक्षा की जा सके।
8. दुरुपयोग पर विशेष ध्यान: व्हाइटनर और खांसी की सिरप जैसे पदार्थों का दुरुपयोग रोकने के लिए स्टेशनरी दुकानों और मेडिकल दुकानों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी।