रूस:- राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत की तेज़ी से बढ़ती ताकत और सामर्थ्य को सराहा और कहा कि भारत को वैश्विक महाशक्तियों की सूची में जगह मिलनी चाहिए। सोची में आयोजित वाल्दाई डिस्कशन क्लब में अपने संबोधन में पुतिन ने भारत को एक महान देश बताते हुए कहा कि यह 1.5 अरब की आबादी और प्राचीन संस्कृति के साथ सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। उनका मानना है कि भारत को वैश्विक मंच पर अहम स्थान मिलना चाहिए और यह आर्थिक दृष्टि से दुनिया में नेतृत्व कर रहा है।
पुतिन ने यह भी कहा कि रूस भारत के साथ अपने संबंधों को सभी क्षेत्रों में विकसित कर रहा है, और दोनों देशों के बीच भरोसा बहुत मजबूत है। उन्होंने सुरक्षा और रक्षा मामलों में भारत और रूस के साझेदारी की सराहना करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग अब केवल हथियारों के व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि वे मिलकर नए सैन्य उपकरणों और प्रणालियों का निर्माण कर रहे हैं। पुतिन ने विशेष रूप से ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का जिक्र किया, जो भारत और रूस के बीच सहयोग का प्रतीक है। यह मिसाइल हवा, समुद्र और ज़मीन से हमलों के लिए सक्षम है और भविष्य में सुरक्षा संबंधी परियोजनाएं भी इसी तरह के विश्वास और साझेदारी के आधार पर आगे बढ़ेंगी।
पुतिन ने आगे कहा कि भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंध हर साल कई गुना बढ़ रहे हैं और भविष्य में इन संबंधों को और मजबूत किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत और रूस के रिश्ते सिर्फ कूटनीतिक नहीं, बल्कि विश्वास और साझेदारी पर आधारित हैं।
इससे पहले, जब कनाडा में भारतीय नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोप में तनाव बढ़ा था, तो रूस ने भारत के साथ अपने रिश्ते को और प्रगाढ़ बनाने का संकेत दिया। पुतिन ने इस दौरान अमेरिकी खुफिया एजेंसियों और कनाडा द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों को लेकर स्पष्ट किया कि रूस भारत के साथ पूरी तरह खड़ा है और भारत और रूस के रिश्ते एक मजबूत और भरोसेमंद साझेदारी हैं।
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