मोदीनगर:- सिखैड़ा मार्ग पर स्थित पैराबोलिक लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड के केमिकल फैक्ट्री में सोमवार रात एक भयानक आग लग गई, जिससे तीन श्रमिक गंभीर रूप से झुलस गए। आग ने देखते ही देखते विकराल रूप ले लिया और फैक्ट्री के आसपास का इलाका दहशत में आ गया। आग पर काबू पाने के लिए छह दमकल गाड़ियों की मदद ली गई, लेकिन आग के फैलते ही इसके बुझाने में तीन घंटे का समय लग गया।
घटना के समय फैक्ट्री में काम कर रहे श्रमिकों में से योगेश कुमार, मुन्नु और बिट्टू बॉयलर पर काम कर रहे थे। रात करीब 12 बजे बॉयलर में अचानक तेज धमाका हुआ और चारों ओर आग फैल गई। तीनों श्रमिक आग की चपेट में आकर बुरी तरह झुलस गए। श्रमिकों ने किसी तरह घटना की जानकारी फैक्ट्री संचालक और अपने परिजनों को दी, लेकिन उनके लिए मदद जल्दी नहीं पहुंची।
घटना की सूचना मिलते ही मोदीनगर के फायर स्टेशन से दो दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंची, लेकिन केमिकल के कारण आग और विकराल होती गई, जिससे और दमकल गाड़ियां मंगानी पड़ीं। इसके बावजूद आग को काबू पाने में लंबा वक्त लगा, और आग के कारण फैक्ट्री परिसर में खड़ी दो गाड़ियां भी जल गईं।
फैक्ट्री संचालक की लापरवाही का भी मामला सामने आया, जब परिजनों ने झुलसे श्रमिकों को अस्पताल ले जाने के लिए फैक्ट्री संचालक से कार की मांग की, लेकिन उन्होंने कार देने से मना कर दिया। इसके बाद परिजनों ने एंबुलेंस की प्रतीक्षा किए बिना बाइकों पर ही श्रमिकों को निजी अस्पताल ले जाकर उपचार कराया। इस घटना ने मानवता को शर्मसार किया और फैक्ट्री संचालक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए श्रमिकों के परिजनों ने हंगामा किया।
फायर स्टेशन अधिकारी अमित कुमार ने बताया कि फैक्ट्री में आग बुझाने के पर्याप्त साधन नहीं थे, जबकि वहां केमिकल बनाए जाते हैं, जो आग को और भड़काने का काम करते हैं। आग बुझाने के लिए सिर्फ आग बुझाने वाले सिलेंडर थे, जो पूरी तरह से नाकाफी साबित हुए।
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