दिल्ली:- हवा में प्रदूषण का स्तर इन दिनों बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है, और छठ पर्व के दौरान स्थिति और भी गंभीर हो गई है। एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) के आंकड़ों के मुताबिक, राजधानी के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच चुकी है, जिससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। खासकर मुंडका, बवाना, बुराड़ी, अशोक विहार और रोहिणी जैसे इलाकों में प्रदूषण का स्तर 400 के पार पहुंच चुका है, जो कि बेहद खराब और खतरनाक स्थिति को दर्शाता है।
प्रदूषण ने बढ़ाई मुश्किलें
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के डेटा के अनुसार, दिल्ली के विभिन्न इलाकों में AQI का स्तर गंभीर श्रेणी में था। मुंडका में AQI 419, बवाना में 412, बुराड़ी में 370 और आईटीओ में 327 दर्ज किया गया। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस स्तर का प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है और लंबे समय तक इससे संपर्क में रहने से गंभीर शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं।
ठंडी हवाओं से बढ़ सकता है प्रदूषण
मौसम विभाग के अनुसार, जैसे-जैसे तापमान में गिरावट होगी, प्रदूषण और भी बढ़ सकता है। सर्दी में हवा की गति धीमी होने से प्रदूषक तत्वों का प्रसार कम हो जाता है, जिससे दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील हो सकती है। छठ पूजा के दौरान हवा की गंभीर श्रेणी में जाने की संभावना है, और ऐसे में प्रदूषण से बचाव बेहद जरूरी है।
पराली जलाने का योगदान
दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर का एक प्रमुख कारण पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से उत्पन्न होने वाला धुआं है। इस वर्ष, 4 नवंबर को दिल्ली में पीएम 2.5 की मात्रा में पराली जलाने का योगदान लगभग 23.36 फीसदी रहा, जो प्रदूषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
क्या कहता है AQI?
AQI के अनुसार, 0 से 50 तक का स्तर “अच्छा”, 51 से 100 तक “संतोषजनक”, 101 से 200 तक “मध्यम”, 201 से 300 तक “खराब”, 301 से 400 तक “बहुत खराब”, 401 से 450 तक “गंभीर” और 450 के ऊपर “बेहद गंभीर” होता है। इस समय दिल्ली के कई इलाके गंभीर श्रेणी में हैं, और स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है।
दिल्लीवासियों को प्रदूषण से बचने के लिए घरों में रहना चाहिए, खासकर उन इलाकों में जहां AQI गंभीर श्रेणी में है। मास्क का उपयोग करें और हवा के प्रदूषण से बचने के लिए बाहर कम से कम समय बिताएं। साथ ही, ऐसे समय में हेल्थ चेकअप और सही दिशा-निर्देशों का पालन करना बेहद आवश्यक है।
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