बेंगलुरु:- उत्तरी कर्नाटक के विजयपुर जिले के होनवाड़ा गांव में किसानों की पुश्तैनी जमीन पर वक्फ बोर्ड के द्वारा किए गए दावे ने विवाद को जन्म दे दिया है। सांसद तेजस्वी सूर्या ने आरोप लगाया है कि कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने 1,500 एकड़ जमीन पर दावा जताया है और किसानों को बिना किसी स्पष्टीकरण के नोटिस जारी किए गए हैं।
सूर्या ने कहा कि कर्नाटक के वक्फ मंत्री बीजेड जमीर अहमद खान ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि 15 दिनों के भीतर जमीनें वक्फ बोर्ड के पक्ष में पंजीकृत की जाएं। इस प्रक्रिया को लेकर उन्होंने चिंता जताई कि इससे किसानों को किनारे कर दिया जाएगा और उनकी जमीनें वक्फ बोर्ड के नाम पर दर्ज कर दी जाएंगी।
सूर्या ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार के वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 का हवाला देते हुए कहा कि यह प्रयास सुधार में बाधा डालने का है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत संविधान के अनुसार चलेगा, न कि शरिया कानून या किसी मंत्री के निर्देशों के अनुसार। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 1955 का वक्फ कानून नागरिकों के साथ धोखा है, क्योंकि इसने वक्फ बोर्ड को असीमित शक्तियां दी हैं।
वक्फ संपत्तियों के विवाद की लंबी इतिहास रही है। 1954 में नेहरू सरकार द्वारा पारित वक्फ एक्ट का उद्देश्य वक्फ से जुड़े कार्यों को सरल बनाना था। वर्तमान में वक्फ बोर्ड के पास आठ लाख एकड़ से अधिक जमीन है, जिसमें मस्जिद, मदरसा और कब्रगाह शामिल हैं। इस विवाद ने स्थानीय किसानों में हड़कंप मचा दिया है, और वे अपनी जमीनों को लेकर चिंतित हैं।
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