प्रियंका गांधी ने बुधवार को केरल की वायनाड लोकसभा सीट से उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। इस अवसर पर कुछ ऐसा हुआ कि भाजपा ने कांग्रेस पर दलित विरोधी होने का गंभीर आरोप लगाया। भाजपा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को प्रियंका के नामांकन के दौरान कमरे के बाहर खड़ा दिखाया गया है।
भाजपा ने इस वीडियो के कैप्शन में लिखा, “जिस तरह से मल्लिकार्जुन खरगे जी को प्रियंका वाड्रा के नामांकन के समय कमरे से बाहर रखा गया, उसी तरह राहुल गांधी आरक्षण हटाने के बाद दलित समाज के लोगों को सम्मान और अवसरों से वंचित रखेंगे।” भाजपा नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भी कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि इस घटना ने कांग्रेस के दलितों के प्रति असंवेदनशीलता को उजागर किया है।
इस पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस नेता प्रणव झा ने कहा कि “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा, जो पिछले 10 वर्षों से सत्ता में है, अभी भी झूठ और भ्रम फैला रही है।” उन्होंने बताया कि वायनाड के जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया था कि नियमों के अनुसार कमरे में पांच से ज्यादा लोग नहीं रह सकते थे, इसलिए सभी बाहर गए थे।
कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को साजिश करार देते हुए कहा कि वे असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। यह घटनाक्रम न केवल राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की ओर इशारा करता है, बल्कि भारतीय राजनीति में दलितों के मुद्दों को भी पुनः सक्रिय करता है।
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