संजीव शर्मा: 17 साल की मेहनत का फल, सपा की मुश्किलें बढ़ाने आ रहे हैं

गाजियाबाद:- गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संजीव शर्मा को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। यह निर्णय 17 साल की उनकी पार्टी सेवा और संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका के बाद लिया गया है।
पार्टी में यात्रा
संजीव शर्मा ने 2007 में भाजपा में कदम रखा, जब मुरली मनोहर जोशी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। उनके आने के बाद से उन्होंने गाजियाबाद महानगर में संगठन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा के महानगर अध्यक्ष के रूप में तीन साल तक कार्य किया, जहाँ उन्होंने युवाओं को पार्टी से जोड़ने का काम किया।
सफलता के साथ, शर्मा को सूचना एवं रोजगार प्रकोष्ठ का प्रदेश संयोजक नियुक्त किया गया। इसके बाद, 2013 में उन्हें महानगर महामंत्री का पद मिला, जहाँ उन्होंने प्रचार प्रसार विभाग के क्षेत्रीय संयोजक की जिम्मेदारी संभाली। 2019 में, संजीव शर्मा को महानगर अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई, और उनके नेतृत्व में भाजपा ने 2022 विधानसभा चुनाव में गाजियाबाद में शानदार प्रदर्शन किया। उनकी रणनीतियों से पार्टी ने नगर निगम चुनावों में भी रिकॉर्ड जीत हासिल की, जिसमें महापौर के साथ 67 पार्षदों की जीत शामिल है।
विपक्ष की चुनौतियाँ
उपचुनाव में बसपा ने परमानंद गर्ग को अपना प्रत्याशी बनाया है, जो सपा से बसपा में शामिल हुए हैं। उन्हें वैश्य वर्ग का मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है। इससे भाजपा को चुनौती मिल सकती है, लेकिन संजीव शर्मा की नेतृत्व क्षमता और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा से भाजपा को उम्मीद है कि वे इस बार भी जीत की ओर बढ़ेंगे।
संजीव शर्मा का भाजपा में यह नया चरण उनके लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। पार्टी में उनकी लंबी यात्रा और संगठन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए तैयार किया है। गाजियाबाद के राजनीतिक परिदृश्य में उनकी भूमिका पर सबकी नजरें हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे चुनावी चुनौती को कैसे संभालते हैं।
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