मोदीनगर:- राज चौपला स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा में एक बड़ी चोरी का मामला सामने आया है। बैंक के लॉकर से 40 तोले सोना और 60 तोले चांदी के गहने गायब हो गए, जिनकी कुल कीमत लगभग 35 लाख रुपये बताई जा रही है। इस घटना की जांच के लिए पुलिस और बैंक की जोनल सुरक्षा टीम ने सक्रियता से काम शुरू कर दिया है।
मंगलवार को एसीपी और एसएचओ मोदीनगर की अगुवाई में क्राइम ब्रांच की टीम ने बैंक का दौरा किया। टीम ने बैंककर्मियों और लॉकर के स्वामियों से पूछताछ की और सीसीटीवी फुटेज तथा लॉकर रिकॉर्ड रजिस्टर की छानबीन की। एसीपी ज्ञानप्रकाश राय के अनुसार, मामले की जांच 173 (3) के तहत की जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि लॉकर का सही से बंद न होना घटना का मुख्य कारण हो सकता है।
लॉकर के स्वामी अंकुश गोयल ने बताया कि सोमवार सुबह उन्हें बैंककर्मी ने फोन पर लॉकर खुला होने की सूचना दी। जब वे बैंक पहुंचे, तो देखा कि उनके परिवार की तीन पीढ़ियों की जमा पूंजी गायब है। अंकुश ने बैंक के अस्थाई कर्मचारी पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि लॉकर ऑपरेट करने वाले उनके पिता ने अंतिम बार 28 अगस्त को लॉकर का उपयोग किया था।
बैंकिंग विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक ने लॉकर के संचालन के लिए कड़े नियम निर्धारित किए हैं। लॉकर की सुरक्षा के लिए दो चाबियाँ होती हैं—एक बैंक के पास और दूसरी ग्राहक के पास। नियमों के अनुसार, बैंक के उच्चाधिकारी को हर दिन बैंक बंद होने से पहले लॉकर की जांच करनी होती है। लेकिन इस मामले में दो महीने तक लॉकर खुला रहने की जानकारी बैंक को नहीं लगी।
बैंक ऑफ बड़ौदा की दिल्ली से आई पांच सदस्यीय जोनल सुरक्षा टीम भी मामले की जांच कर रही है। वे लॉकर ऑपरेट करने वाले अधिकारियों से जानकारी एकत्र कर रहे हैं और अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजेंगे। इस घटना ने न केवल पीड़ित परिवार को बल्कि अन्य ग्राहकों को भी चिंतित कर दिया है, जो अपने लॉकर की सुरक्षा को लेकर आशंकित हैं।
यह मामला बैंकिंग सुरक्षा में बड़ी चूक को उजागर करता है और ग्राहकों की वित्तीय सुरक्षा को लेकर सवाल उठाता है। जांच के परिणामों का इंतजार किया जा रहा है ताकि आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके।
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