बांग्लादेश:- विख्यात लेखिका तसलीमा नसरीन ने हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह से मदद की अपील की है। उन्होंने अपने X हैंडल पर लिखा कि उनका भारतीय निवास परमिट जुलाई में समाप्त हो गया है और गृह मंत्रालय ने अब तक इसे नवीनीकरण नहीं किया है। तसलीमा ने कहा, “मैं भारत में रहती हूं क्योंकि मुझे इस महान देश से प्यार है। पिछले 20 सालों से यह मेरा दूसरा घर रहा है।”
उनकी इस चिंता का कारण यह है कि यदि उनका निवास परमिट नवीनीकरण नहीं होता है, तो उन्हें भारत छोड़ने की मजबूरी का सामना करना पड़ सकता है। तसलीमा ने लिखा, “मैं बहुत चिंतित हूं। अगर आप मुझे रहने देंगे, तो मैं आपका बहुत आभारी रहूंगी।”
तसलीमा नसरीन ने 1994 से भारत में रहना शुरू किया। उन्होंने बांग्लादेश में सांप्रदायिकता के खिलाफ और महिला समानता के लिए अपने लेखन के माध्यम से आवाज उठाई। उनके लेखन ने कट्टरपंथियों का ध्यान आकर्षित किया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें बांग्लादेश छोड़ना पड़ा। तसलीमा केवल भारत में ही नहीं, बल्कि स्वीडन, जर्मनी, फ्रांस और अमेरिका में भी निर्वासन जीवन बिता चुकी हैं।
उनकी कुछ प्रसिद्ध कृतियों में “लज्जा” (1993) और “आमार मेयेबेला” शामिल हैं, जो सामाजिक मुद्दों और महिलाओं के अधिकारों पर केंद्रित हैं।
बांग्लादेश में 5 अगस्त को हुए तख्तापलट के बाद, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भी अपने देश छोड़ना पड़ा था। उस समय बांग्लादेश में सिविल सेवा भर्ती में कोटा सिस्टम को रद्द करने की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन हुए, जिनमें 300 से ज्यादा लोगों की जान गई। प्रदर्शनों की उग्रता बढ़ने के कारण सेना ने हस्तक्षेप किया, जिसके चलते शेख हसीना को जल्दी से देश छोड़ना पड़ा।
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