गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर एक सशक्त संदेश दिया, जिसमें उन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया। शाह ने कहा कि भले ही जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापित हुई हो, लेकिन आतंकवाद, घुसपैठ और धार्मिक भावनाओं को भड़काने की साजिशों के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी।
उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले 10 वर्षों में सुरक्षा बलों की मेहनत से स्थिति में सुधार आया है, लेकिन चुनौतियाँ अभी खत्म नहीं हुई हैं। नए खतरे जैसे ड्रोन, मादक पदार्थों का व्यापार और साइबर अपराध के खिलाफ सजग रहने की आवश्यकता है।
शाह ने बलिदानियों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आजादी के बाद से 36,438 पुलिसकर्मियों ने देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान दी है, जिनमें से 216 ने पिछले वर्ष सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने यह आश्वासन दिया कि उनके बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनेगा।
नए आपराधिक कानूनों के बारे में भी उन्होंने बताया कि भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली जल्द ही विश्व के सबसे आधुनिक सिस्टम में बदल जाएगी, जिससे न्याय जल्दी और प्रभावी ढंग से मिल सकेगा।
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