गर्मियों में हवाओं का रुख उत्तर की ओर होने से उत्तर-मध्य भारत में लू की स्थिति बिगड़ रही है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे (आईआईटीबी) के जलवायु अध्ययन केंद्र के एक अध्ययन के अनुसार, यह परिवर्तन संभवतः 1998 के आसपास प्रशांत महासागर के तापमान में उछाल के कारण हुआ था। इस अध्ययन के प्रमुख लेखक, रोशन झा ने बताया कि 1998 के बाद से गर्मी के मौसम के दौरान तापमान में लगभग 0.7 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है।
यह बढ़ता तापमान केवल भारत को ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान और पश्चिम एशिया को भी प्रभावित कर रहा है। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते पृथ्वी के औसत तापमान में वृद्धि ने इन बदलावों को और गंभीर बना दिया है। हवा के पैटर्न में यह बदलाव हीटवेव को और बढ़ा रहा है, जिससे लोगों के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
चक्रवात ‘डाना’ की चेतावनी
इस बीच, बंगाल की खाड़ी में बन रहे निम्न दबाव का क्षेत्र चक्रवात ‘डाना’ का रूप ले रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, यह चक्रवात 24 अक्टूबर की रात को बंगाल के सागरद्वीप और ओडिशा के पुरी तटीय इलाकों से गुजरेगा, जिसमें हवाओं की रफ्तार 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। इस दौरान दक्षिण बंगाल के जिलों में 23 से 25 अक्टूबर के बीच भारी बारिश की आशंका है।
मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की चेतावनी दी है, और बंगाल तथा ओडिशा की सरकारें हाई अलर्ट पर हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कमेटी ने स्थिति की समीक्षा करते हुए राहत कार्यों की तैयारी पर जोर दिया है। इसके साथ ही, सेना, नौसेना और तटरक्षी बल को भी सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
सुरक्षा के कदम
बंगाल में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 14 और ओडिशा में 11 टीमें तैनात की गई हैं। कैबिनेट सचिव टीवी सोमानाथन ने राज्यों से जान-माल के नुकसान को न्यूनतम करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की अपील की है।
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