सुरक्षा की अनदेखी: जब गति बन गई मौत का कारण

गाजियाबाद:- गौशाला फाटक के पास रेलवे ट्रैक पर काम कर रहे ट्रैकमैन अजय कुमार की दर्दनाक मौत ने पूरे रेलवे समुदाय को हिलाकर रख दिया है। शनिवार शाम करीब पौने पांच बजे, जब अजय और उनके साथी कर्मचारी रेल लाइन नंबर तीन और चार के बीच काम कर रहे थे, तब दनकौर-दिल्ली ईएमयू ट्रेन की चपेट में आ गए। शुरुआती जांच में पता चला है कि ट्रेन की गति 15 किलोमीटर प्रति घंटा थी।
अजय कुमार के निधन के बाद रेलवे अधिकारियों ने मृतक के परिवार को 25 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है। उनका परिवार साहिबाबाद के शालीमार गार्डन थाना क्षेत्र के राजीव नगर कॉलोनी में निवास करता है।
घटना के तुरंत बाद, रेलवे कर्मचारियों ने हंगामा कर दिया, जिससे चार घंटे तक रेल यातायात बाधित रहा। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उन्हें पर्याप्त संसाधन नहीं मिलते हैं और लंबे समय तक काम करने की मजबूरी है। प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन के लोको पायलट, पीडब्ल्यूआई और सीनियर सेक्शन इंजीनियर के निलंबन की भी मांग की।
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक और दिल्ली मंडल के डीआरएम ने मौके पर पहुंचकर कर्मचारियों को समझाया, जिसके बाद रेल यातायात सुचारू हो सका।
जीआरपी और आरपीएफ अधिकारियों का कहना है कि मामले में अभी तक कोई केस दर्ज नहीं किया गया है और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अजय का शव पोस्टमार्टम के बाद उनके परिवार को सौंप दिया गया है, लेकिन परिवार ने रविवार को कोई औपचारिक शिकायत नहीं दी।
Exit mobile version