प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को नई दिल्ली के डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में ‘कर्मयोगी सप्ताह’ या राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह (एनएलडब्ल्यू) का उद्घाटन करेंगे। यह कार्यक्रम केंद्र सरकार के कर्मचारियों, विशेषकर सिविल सेवकों, के व्यक्तिगत और संगठनात्मक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए एक अनूठी पहल है।
एनएलडब्ल्यू का उद्देश्य सिविल सेवकों की क्षमता निर्माण और सीखने की प्रक्रिया को बढ़ावा देना है। इस दौरान, प्रत्येक सरकारी कर्मचारी को सप्ताह में चार घंटे की योग्यता-संबंधी शिक्षा प्राप्त करना अनिवार्य होगा। विभिन्न मंत्रालय और विभाग कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित करेंगे, जिससे कर्मचारियों को विशिष्ट दक्षताएं हासिल करने का अवसर मिलेगा।
यह पहल, जो ‘मिशन कर्मयोगी’ के तहत शुरू की गई थी, 2020 में स्थापित की गई थी, और इसका मुख्य उद्देश्य “एक सरकार” का संदेश फैलाना है। इसके माध्यम से, सभी सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ जुड़े रहेंगे और आजीवन शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को प्रोत्साहित करेंगे।
कार्यक्रम में प्रख्यात वक्ता अपने अनुभव साझा करेंगे और नागरिक-केंद्रित सेवा वितरण में सुधार के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। इसके अतिरिक्त, प्रतिभागी iGOT मॉड्यूल और मास्टरक्लास के जरिए अपनी शैक्षणिक जरूरतों को पूरा कर सकेंगे।
इस कार्यक्रम का आयोजन देशभर के सिविल सेवकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो उन्हें अपने ज्ञान और कौशल को बढ़ाने का मौका देगा। भाजपा ने इस कार्यक्रम को लेकर उत्साह व्यक्त किया है और उम्मीद जताई है कि इससे देश के सरकारी तंत्र में न केवल दक्षता बढ़ेगी, बल्कि सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
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