गाजियाबाद:- केंद्रीय माल एवं सेवाकर विभाग ने गाजियाबाद में फर्जी कंपनियों के माध्यम से वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) की चोरी करने वाले एक सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। जांच में पता चला कि एक फर्म ने महज दो साल के भीतर 100 से अधिक फर्जी कंपनियों के जरिए 110 करोड़ रुपये का अवैध इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) हासिल किया।
आयुक्त संजय लवानिया ने बताया कि जांच में प्रमुख आरोपी गौरव तोमर और छत्रपाल शर्मा को गिरफ्तार किया गया है। यह फर्म, मैसर्स एएनवीएस ट्रेडर्स, गाजियाबाद के चंदरनगर स्थित देविका टावर में पंजीकृत थी। जांच में पाया गया कि इस फर्म ने बिना वास्तविक उत्पादन या सेवा प्रदान किए 621 करोड़ रुपये का कागजी कारोबार कर डाला।
आयोग का कर अपवंचन शाखा ने गहन जांच शुरू की, जिसमें कई फर्जी जीएसटी पंजीकरण नंबर, मोबाइल नंबर, ई-मेल और ई-वे बिल जब्त किए गए। गौरव तोमर फर्जी इनवॉइस के इस रैकेट का मास्टरमाइंड था, जिसने एक ही मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी का उपयोग करके कई फर्जी पंजीकरण किए।
जांच अभी जारी है और इसके परिणामस्वरूप और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। इस मामले में अपर आयुक्त आलोक सिंह, संयुक्त आयुक्त अरुण कुमार द्विवेदी और निहारिका लाखा शामिल हैं।
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