गाजियाबाद गिरते भूजल स्तर के मद्देनजर, नगर निगम ने इंदिरापुरम में जिले का पहला टर्शियरी ट्रीटमेंट प्लांट (टीएसटीपी) स्थापित किया है। इसका ट्रायल चल रहा है और दिसंबर से इसे साहिबाबाद के उद्योगों में पानी की आपूर्ति के लिए तैयार किया जा रहा है। हालांकि, इस प्लांट से मिलने वाले शोधित पानी की दरें क्षेत्र के 1400 से अधिक उद्योगों के लिए बड़ी चुनौती बन गई हैं।
नगर निगम ने प्रति किलोलीटर पानी की दर 45 रुपये निर्धारित की है, जो उद्यमियों के लिए एक भारी बोझ साबित हो सकती है। साहिबाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और साहिबाबाद ट्रांस हिंडन एसोसिएशन ने इस मामले पर विरोध जताया है। अध्यक्ष दिनेश मित्तल और अशोक चौधरी का कहना है कि वर्तमान में पानी की दर एक पैसा प्रति लीटर है, जिसे अचानक 45 गुना बढ़ाना अनियोजित है।
इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 40 एमएलडी है और यह औद्योगिक जरूरतों के लिए विशेष रूप से बनाया गया है। नगर आयुक्त ने 15 नवंबर तक सभी कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए हैं। प्लांट की शुरूआत के बाद, भूजल के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा, जिससे क्षेत्र में जलस्रोतों की सुरक्षा को प्राथमिकता मिलेगी।
इस स्थिति पर शनिवार को कलक्ट्रेट में आयोजित बैठक में प्रमुख सचिव के समक्ष उद्यमियों की समस्याओं को उठाया जाएगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से साहिबाबाद के उद्योग कैसे अनुकूलित होंगे और पानी की उच्च दरों के खिलाफ उनका विरोध कितना प्रभावी होता है।
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