गाजियाबाद:- राजनीतिक गतिविधियाँ एक बार फिर तेज हो गई हैं, क्योंकि उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई है। इनमें गाजियाबाद की सदर सीट भी शामिल है, जहां 13 नवंबर को वोटिंग होगी और परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
इस सीट पर 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के अतुल गर्ग ने जीत हासिल की थी, लेकिन उन्होंने बाद में लोकसभा चुनाव में भाग लेते हुए अपनी सीट खाली कर दी। इस खाली सीट के लिए अब भाजपा, समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच कांटेदार मुकाबला होने की संभावना है।
गाजियाबाद में सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन भी है, जिससे यह स्थिति और दिलचस्प बन गई है। कांग्रेस में दावेदारों की लंबी कतार लगी हुई है, और पार्टी ने बाराबंकी से सांसद तनुज पूनिया को गाजियाबाद भेजा है ताकि वह संभावित उम्मीदवारों की कैंडिडेसी की समीक्षा कर सकें।
इसके अलावा, सपा संगठन ने अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए विभिन्न अभियानों की योजना बनाई है, जिसमें कॉलेजों और कॉलोनियों में सदस्यता अभियान शामिल है।
इस उपचुनाव का परिणाम केवल गाजियाबाद की राजनीति ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की राजनीतिक दिशा को प्रभावित कर सकता है। सभी दलों की नजर इस सीट पर है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनावी नतीजे किस दिशा में जाते हैं।
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