ताइवान और चीन:- तनाव बढ़ता जा रहा है, जिसमें बीजिंग की हालिया हरकतें एक बार फिर चिंता का विषय बन गई हैं। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि मंगलवार सुबह चीन के 14 युद्धपोत और 153 सैन्य विमान ताइवान की सीमाओं के पास देखे गए, जिनमें से 111 विमानों ने ताइवान स्ट्रेट की मध्य रेखा को पार किया। यह रेखा एक अनौपचारिक सीमा है, जिसका उल्लंघन ताइवान के लिए गंभीर सुरक्षा चिंता का विषय है।
ताइवान की सेना ने इन गतिविधियों का कड़ा जवाब देते हुए अपने विमान, नौसैनिक जहाजों और वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों को सक्रिय किया। मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा, “हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।”
चीन, ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानता है। हालाँकि, चीन ने सीधे आक्रमण नहीं किया है, लेकिन वह अपने ‘ग्रे जोन’ रणनीति का इस्तेमाल कर रहा है, जिसमें सीधे युद्ध के बिना ताकत का प्रदर्शन किया जाता है। इस रणनीति के तहत, चीन धीरे-धीरे ताइवान को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है, जिससे संभावित आक्रमण का डर बना रहता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह ग्रे जोन रणनीति एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण है, जिसका उद्देश्य प्रतिद्वंद्वी को मानसिक और सामरिक दृष्टि से कमजोर करना है। यह तनावपूर्ण स्थिति न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए चिंता का कारण है, बल्कि वैश्विक सुरक्षा पर भी गहरा प्रभाव डाल सकती है।
ताइवान की सेना ने अपनी सजगता और तैयारी को दर्शाते हुए स्पष्ट किया है कि वह किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तत्पर है। यह स्थिति आगे भी जारी रह सकती है, जिससे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और राजनीतिक गतिशीलता पर गहरा असर पड़ने की संभावना है।
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