पाकिस्तान:- मेज़बानी में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का शिखर सम्मेलन मंगलवार से इस्लामाबाद में शुरू हो रहा है। इस दो दिवसीय सम्मेलन में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं, क्योंकि देश में बढ़ते आतंकी हमले और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के विरोध प्रदर्शनों के चलते कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ गई है।
सम्मेलन के लिए विदेशी प्रतिनिधिमंडलों का आगमन प्रारंभ हो चुका है, जिसमें भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी शामिल हैं। इस सम्मेलन में चीन और रूस के प्रधानमंत्रियों सहित अन्य एससीओ सदस्य देशों के नेता भी शिरकत करेंगे। पीएम शहबाज शरीफ इस सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे, जबकि विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिसमें अर्थव्यवस्था और पर्यावरण प्रमुख हैं।
चीन के प्रधानमंत्री ली क्यांग, जो 11 वर्षों बाद पाकिस्तान का दौरा कर रहे हैं, इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए पहुंच चुके हैं। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस्लामाबाद में पुलिस, अर्धसैनिक बल और सैन्य टुकड़ियों को तैनात किया गया है। सभी प्रकार के राजनीतिक जमावड़े और विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, और रावलपिंडी में धारा 144 लागू की गई है।
इस बीच, इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने 15 अक्टूबर को इस्लामाबाद के डी चौक पर बड़ा प्रदर्शन करने का ऐलान किया है, जो सम्मेलन के दौरान संभावित सुरक्षा चुनौती पेश कर सकता है। पाकिस्तान सरकार ने अनुच्छेद 245 के तहत सेना के जवानों को भी तैनात किया है।
इस सम्मेलन का महत्व इस बात में है कि यह नौ वर्षों बाद भारत के विदेश मंत्री का पाकिस्तान दौरा है, जो एससीओ के मंच पर द्विपक्षीय संबंधों को फिर से दिशा देने की संभावना प्रस्तुत करता है। एससीओ की स्थापना 15 जून 2001 को चीन में हुई थी, और यह संगठन क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए महत्वपूर्ण है।
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