गाजियाबाद:- हरनंदीपुरम का नया शहर अब 521 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित होने जा रहा है। पहले की योजना में 541 हेक्टेयर की जमीन शामिल थी, लेकिन हाल ही में स्थलीय निरीक्षण और ड्रोन सर्वे के दौरान 20 हेक्टेयर भूमि पर बिजली की हाइटेंशन लाइन और विद्युत सब स्टेशन पाए गए, जिसके कारण रकबा घटाना पड़ा।
दिल्ली-मेरठ रोड पर रैपिड कॉरिडोर से मात्र 15 मिनट की दूरी पर स्थित यह नया शहर आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। योजना को बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद, जीडीए ने आठ गांवों की जमीन की मैपिंग और सर्वेक्षण का कार्य तेजी से पूरा किया है। इसके बाद, किसानों के साथ आपसी सहमति से जमीन खरीदने के लिए समिति का गठन किया जाएगा।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि पावर हाउस और हाइटेंशन लाइन के कारण रकबा कम हुआ है। दीपावली के बाद किसानों से जमीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू करने की योजना है, और पहले चरण में 100 हेक्टेयर जमीन पर निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा। 16 अक्टूबर को लखनऊ में एक महत्वपूर्ण बैठक होगी, जिसमें जमीन खरीदने के लिए बजट आवंटित करने की मांग की जाएगी।
हरनंदीपुरम को विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ विकसित करने के लिए जीडीए एक अंतरराष्ट्रीय सलाहकार फर्म से संपर्क कर रहा है। यह शहर मेडीसिटी, आईटी सिटी और स्पोर्ट्स सिटी जैसी परियोजनाओं को अपने में समाहित करेगा, जिससे गाजियाबाद का विकास और भी तेज होगा।
शहर की योजना पूरी तरह से ग्रीन स्ट्रक्चर पर आधारित है, जिसमें पर्यावरण का ध्यान रखा जाएगा। जीडीए ने बताया कि इस नए शहर के निर्माण की लागत लगभग 3,500 से 4,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर होने का अनुमान है। जमीन खरीदने पर कुल लागत कई सौ करोड़ रुपये तक पहुँचने की संभावना है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 50 फीसदी राशि उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है, जबकि बाकी का बजट जीडीए को अपने स्रोतों से जुटाना होगा।
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