गाजियाबाद:- स्वास्थ्य विभाग ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए 14 चिकित्सकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू की है। शासन के सख्त निर्देशों के बाद, संबंधित अधिकारियों ने विभिन्न थानों में तहरीर दी है, ताकि मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले इन चिकित्सकों पर कार्रवाई की जा सके। इस अभियान की अगुवाई कर रहे नोडल अधिकारी डॉ. पंकज राकेश ने बताया कि पहले इन झोलाछाप डॉक्टरों को नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उनसे इलाज से संबंधित सभी दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया था। लेकिन, आरोपित चिकित्सकों ने कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया, जिससे उनकी भूमिका संदेहास्पद बन गई।
सीएमओ का बयान/ क्लीनिकों की पहचान
सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने कहा, “हमने इस मामले में डॉ. पंकज राकेश और डॉ. दवी लाल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। हमारी प्राथमिकता है कि जनता को सुरक्षित और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं।”
सोमवार को विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय झोलाछाप डॉक्टरों की पहचान की गई। इनमें बालाजी विहार में रविंद्र ठाकुर, आजाद विहार में एके मंसूरी, दीपक विहार में प्रतीश बंगाली, लक्ष्मी क्लीनिक के संचालक रमाकांत सिंह, और कई अन्य नाम शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ संबंधित थानों में तहरीर दी गई है, जिसमें उनके क्लीनिकों का उल्लेख किया गया है।
स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में कदम यह कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक महत्वपूर्ण पहल है, जो मरीजों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है। विभाग का लक्ष्य है कि भविष्य में ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों को फिर से सक्रिय होने से रोका जा सके और नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा प्रदान की जा सके। स्वास्थ्य विभाग की यह मुहिम गाजियाबाद में लोगों के स्वास्थ्य को सुरक्षित करने और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नागरिकों को भी इस मुद्दे पर जागरूक होने की आवश्यकता है, ताकि वे अपनी सेहत से खिलवाड़ करने वाले तत्वों के खिलाफ आवाज उठा सकें।
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