मौसम:- इस बार का मानसून अपनी अनोखी प्रवृत्ति के चलते चर्चा का विषय बना हुआ है। सामान्यतः 17 सितंबर तक दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई हो जाती है। , लेकिन इस वर्ष दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान से बुधवार को इसकी विदाई हुई। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश का पश्चिमी हिस्सा भी अब मानसून से मुक्त हो चुका है।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, अगले दो-तीन दिनों में मानसून की वापसी जारी रहेगी और 17 अक्टूबर तक यह पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा। इस साल मानसून की विदाई सामान्य से आठ दिन बाद हो रही है, जिससे अक्टूबर में गर्मी के बढ़ने की संभावना है।
आंकड़े बताते हैं कि इस बार 137 दिनों तक निरंतर मानसून की सक्रियता रही है, जिसका प्रभाव शीत ऋतु पर भी पड़ेगा। हालांकि, कड़ाके की ठंड का आभास पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता पर निर्भर करेगा। आईएमडी ने दिसंबर-जनवरी में उत्तर भारत में ठंड की संभावना जताई है, लेकिन स्काईमेट के अनुसार, ठंड बढ़ने के लिए पहले पश्चिमी विक्षोभ का सक्रिय होना आवश्यक है।
इस बीच, पश्चिमी प्रशांत महासागर में अलनीनो के कमजोर होने और ला-नीना के सक्रिय होने की प्रक्रिया भी चल रही है, जो आने वाले दिनों में ठंड को प्रभावित कर सकती है।
दिल्ली और एनसीआर में बारिश के बाद की उमस भरी गर्मी से राहत की उम्मीद है। स्काईमेट के प्रवक्ता महेश पलावत का कहना है कि 5 अक्टूबर को हल्की बारिश हो सकती है, जिससे तापमान में गिरावट आ सकती है। इस वर्ष, सामान्य से 8 प्रतिशत अधिक, यानी 934.8 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जो पिछले चार वर्षों में सबसे अधिक है। विशेषकर अगस्त और सितंबर में भारी वर्षा ने मौसम को प्रभावित किया है।
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