गाजियाबाद:- क्रॉसिंग रिपब्लिक में धर्मांतरण के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे स्थानीय समुदाय में चिंता बढ़ गई है। हाल ही में, सेन विहार की निवासी रीना ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने पुष्पा और उसके साथियों पर धर्मांतरण के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया है। रीना का कहना है कि उन्हें ईसाई धर्म अपनाने पर आर्थिक लाभ का लालच दिया गया, और जब उन्होंने इन प्रस्तावों को ठुकरा दिया, तो पुष्पा ने उन्हें और उनके परिवार को जबरन एक धार्मिक अनुष्ठान में ले जाने की कोशिश की।
इस घटना के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुष्पा की तलाश शुरू कर दी है। एसीपी लिपि नगायच ने कहा कि गाजियाबाद में हाल ही में धर्मांतरण के कई मामले सामने आए हैं, और सभी मामलों की गहराई से जांच की जा रही है।
पिछले महीने के भीतर जिले में चार बड़े धर्मांतरण मामले प्रकाश में आए हैं, जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि यह एक संगठित प्रक्रिया का हिस्सा हो सकता है। नंदग्राम क्षेत्र में भी एक स्कूल के पीटीआई और चर्च के पादरी के खिलाफ आरोप लगे हैं, जो एक युवती का धर्मांतरण कराने के आरोप में फंसे हैं।
गौरतलब है कि इस मामले में स्थानीय हिंदू संगठनों ने भी आवाज उठाई है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने धर्मांतरण के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने मिशनरी गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि कुछ लोग बीमारियों का इलाज और आर्थिक मदद का लालच देकर लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
यह स्थिति न केवल स्थानीय समुदाय में असमंजस पैदा कर रही है, बल्कि इसे लेकर सामाजिक और धार्मिक तनाव भी बढ़ रहा है। पुलिस और प्रशासन के लिए यह एक चुनौती है कि वे इस मामले की निष्पक्ष और प्रभावी जांच करें, ताकि समुदाय में शांति बनी रहे।
गाजियाबाद के इन घटनाक्रमों ने एक बार फिर धर्मांतरण के मुद्दे को केंद्र में ला दिया है, और इसके पीछे के कारणों की जांच जरूरी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस अपनी जांच में क्या निष्कर्ष निकालती है और क्या यह मामला अन्य क्षेत्रों में भी फैला हुआ है।
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