गाजियाबाद:- जिले में पराली और कूड़ा जलाने के मामलों पर सख्त नकेल कसने के लिए प्रशासन ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व की अध्यक्षता में एक अनुश्रवण सेल का गठन किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य पराली और कूड़े के जलाने की घटनाओं की निगरानी करना है।
तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारियों की अगुवाई में सचल दस्ते का गठन किया गया है, जो राजस्व ग्राम स्तर पर विभिन्न विभागों के कर्मचारियों के साथ मिलकर काम करेंगे। उप कृषि निदेशक रामजतन मिश्रा के अनुसार, यह क्लस्टर स्थानीय पंचायतों और नगर पंचायतों में जलने वाली पराली और कूड़े की निगरानी करेंगे।
नए नियमों के तहत, जो किसान या अन्य व्यक्ति धान की पराली, गन्ने की पत्तियां या कूड़ा जलाएगा, उसके खिलाफ जुर्माना और राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी। जुर्माना संरचना के अनुसार, दो एकड़ से कम क्षेत्र के लिए 2,500 रुपये, दो से पांच एकड़ के लिए 5,000 रुपये, और पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए 15,000 रुपये पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में वसूली जाएगी।
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