गाजियाबाद:- डूंडाहेड़ा क्षेत्र में धर्मांतरण के प्रयासों का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां पुलिस ने एक प्रमुख सहयोगी, पंकज, को गिरफ्तार किया है। पंकज, जो पिछले छह महीनों में अपने भाई का धर्मांतरण करा चुका था, स्थानीय लोगों को बाइबिल का पाठ सुनाने के बहाने बुलाता था और धर्मांतरण के लिए प्रलोभन देता था।
पुलिस ने हाल ही में सूचना मिलने पर एक खाली प्लॉट पर छापेमारी की, जहां पंकज लोगों को बाइबिल पढ़ा रहा था। एसीपी लिपि नगायच ने बताया कि पंकज एक दिल्ली के पादरी, राजू, के संपर्क में था, जो धर्मांतरण की गतिविधियों का मास्टरमाइंड है। पुलिस अब पादरी की तलाश कर रही है और पंकज के बैंक खातों की जांच कर रही है, जिससे मामले की गहराई का पता लगाया जा सके।
वहीं, गाजियाबाद के वेव सिटी में आर्किटेक्ट श्रीष ओझा के बैंक खाते से लाखों रुपये निकालने वाले तीन ठगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन ठगों का मुख्य आरोपी मौलवी अब्दुल रहमान पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। अब्दुल रहमान ने श्रीष ओझा की बीमार पत्नी का झाड़ फूंक और घरेलू इलाज का झांसा देकर उनसे पैसे ठगे, और बाद में धर्मांतरण कराने की कोशिश की।
पुलिस ने बताया कि श्रीष ओझा की फर्म के खाते से भी धोखाधड़ी से पैसे निकाले गए और उनकी कार को बेचकर भी रकम हड़पी गई थी। गिरफ्तार आरोपियों में अनुज त्यागी, कमल खन्ना, और किशन शामिल हैं, जिन्होंने मौलवी के साथ मिलकर श्रीष ओझा को परेशान किया और उनकी संपत्ति बेचने की योजना बनाई थी।
इसके अलावा, मोदीनगर और नंदग्राम क्षेत्र में हुए धर्मांतरण के मामलों की जांच के लिए पुलिस की एक टीम कानपुर में डेरा डाले हुए है। पुलिस को जानकारी मिली है कि कानपुर में पीपल क्राइस्ट इंडिपेंडेंट चर्च से गैराल्ड नामक व्यक्ति को दिशा निर्देश मिलते थे। चर्च ने 2017 में गैराल्ड को पादरी नियुक्त किया था।
पुलिस को संदेह है कि इस मामले में विदेश से फंडिंग हो रही है। उन्होंने 51 लोगों की पहचान की है, जिन्होंने खुद धर्मांतरण करने के बाद दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित किया। पुलिस अब गैराल्ड और गिरफ्तार किए गए नौ लोगों के बैंक खातों की जानकारी जुटा रही है, जिससे मामले की पूरी तस्वीर स्पष्ट हो सके।
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