वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें अब केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं। चिली, कनाडा, और मलेशिया जैसे देशों ने इन ट्रेनों के आयात में रुचि दिखाई है। इसके पीछे कई आकर्षक कारण हैं, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण है लागत।
वंदे भारत की कीमत 120-130 करोड़ रुपये है, जबकि अन्य देशों में निर्मित ट्रेनों की कीमत 160-180 करोड़ रुपये के बीच है। इसके अलावा, वंदे भारत ट्रेन की गति भी इसे विशेष बनाती है। यह ट्रेन 0 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने में मात्र 52 सेकंड लगाती है, जो जापान की बुलेट ट्रेन से भी बेहतर है।
आकर्षक डिजाइन और कम शोर
वंदे भारत एक्सप्रेस का डिज़ाइन न केवल आधुनिक है, बल्कि इसे खूबसूरत भी माना जाता है। इसमें विमान के मुकाबले 100 गुना कम शोर का अनुभव होता है, और इसकी ऊर्जा खपत भी बहुत कम है, जिससे यह पर्यावरण के अनुकूल विकल्प बनती है।
भारतीय रेलवे का विकास
इस बीच, भारतीय रेलवे अपने ट्रैक नेटवर्क के विस्तार में तेजी से जुटी हुई है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में 31,000 किलोमीटर से अधिक ट्रैक जोड़े गए हैं, और अब उनका लक्ष्य 40,000 किलोमीटर अतिरिक्त ट्रैक जोड़ने का है। इसके साथ ही, बुलेट ट्रेन परियोजना भी तेजी से आगे बढ़ रही है।
सुरक्षा पर जोर
सुरक्षा को लेकर वैष्णव ने बताया कि कवच सिस्टम का विस्तार किया जा रहा है, जो 40,000 किलोमीटर नेटवर्क को कवर करेगा। यह एक प्रभावी और कम लागत वाली सुरक्षा प्रणाली है, जो भारतीय रेलवे की सुरक्षा को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगी वंदे भारत एक्सप्रेस न केवल भारतीय रेलवे की पहचान बन रही है, बल्कि वैश्विक बाजार में भी अपनी छाप छोड़ रही है। इसकी गति, लागत और आधुनिक तकनीक के चलते यह ट्रेनें दुनिया भर में एक नया ट्रेंड सेट कर रही हैं। भारतीय रेलवे का यह प्रयास निश्चित रूप से देश की अर्थव्यवस्था और परिवहन क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने में सहायक सिद्ध होगा।
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