प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटर और दो हाई-परफार्मेंस कंप्यूटिंग सिस्टम, अर्का और अरुणिका, का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने इसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एक ‘बहुत बड़ी उपलब्धि’ बताया, जो तकनीक को आम लोगों तक पहुँचाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
मोदी ने आत्मनिर्भरता और अनुसंधान को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि विज्ञान का लाभ हर वर्ग तक पहुंचे। 2015 में शुरू हुआ राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन अब क्वांटम कंप्यूटिंग की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है, जो सूचना प्रौद्योगिकी और एमएसएमई के विकास में सहायक होगा। एआई और मशीन लर्निंग से जुड़े नए मॉडल हर व्यक्ति को लाभान्वित करेंगे।
मिशन गगनयान के अंतर्गत, भारत 2035 तक अपना स्वयं का स्पेस स्टेशन स्थापित करने की तैयारी कर रहा है, जो अंतरिक्ष अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। साथ ही, भारत एक सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का विकास कर रहा है, जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
पुणे और नोएडा में स्थापित 850 करोड़ रुपये के हाई-परफार्मेंस कंप्यूटिंग सिस्टम उष्णकटिबंधीय चक्रवातों और मौसम की अन्य घटनाओं की सटीक भविष्यवाणियों में मदद करेंगे।
परम रुद्र, जिसका निर्माण 130 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है, दिल्ली, पुणे और कोलकाता में स्थापित किया गया है। इसकी एआई क्षमता और क्लाउड सेवाएं उपयोगकर्ताओं को तकनीकी सहायता प्रदान करेंगी।
यह सुपरकंप्यूटर भौतिकी, पृथ्वी विज्ञान, और बायोइनफार्मेटिक्स में शोध को प्रोत्साहित करेगा, और युवा वैज्ञानिकों के लिए एक बेहतरीन मंच प्रदान करेगा। परम रुद्र की तकनीकी प्रगति भारत को वैश्विक नेतृत्व की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाएगी। यह न केवल एक सुपरकंप्यूटर है, बल्कि एक ऐसे भविष्य का प्रतीक है, जहां तकनीक से दुनिया को बदलने की संभावनाएं हैं।
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