गाजियाबाद:- नंदग्राम क्षेत्र में एक गंभीर घटना सामने आई है, जिसमें पादरी जेराल्ड उर्फ गैराल्ड मैथ्यूज मैशी और उसके चार सहयोगियों को पुलिस ने धर्मांतरण कराने के आरोप में गिरफ्तार किया। मंगलवार शाम को हुई इस गिरफ्तारी के बाद, बुधवार को इन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से सभी को जेल भेज दिया गया।
पुलिस की जांच में पता चला है कि पादरी अब तक गाजियाबाद, मोदीनगर, बागपत और हापुड़ में लगभग 150 लोगों का धर्मांतरण कर चुका था। उसने कई व्हाट्सएप ग्रुप बनाए थे, जिनमें उन लोगों को जोड़ा जाता था, जो उसके झांसे में आकर धर्म बदल लेते थे। गिरफ्तारी के बाद कई लोग इन ग्रुप से बाहर निकल चुके हैं, और पुलिस अब उनके मोबाइल नंबरों के माध्यम से उनकी पहचान करने की कोशिश कर रही है। इस मामले में व्हाट्सएप ग्रुप की जानकारी को सबूत के तौर पर कोर्ट में पेश किया जाएगा।
एसीपी पूनम मिश्रा ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि पादरी का गिरोह विशेष रूप से गरीब और बीमार परिवारों को निशाना बनाता था। पादरी के सहयोगी पहले इन परिवारों से मिलते और झूठे दावे करते कि पादरी ने उनके कष्ट दूर किए हैं। इसके बाद, वे धार्मिक अनुष्ठान कराते, जिसके लिए प्रति व्यक्ति 300 से 3500 रुपये दिए जाते थे।
रवि नामक एक व्यक्ति के परिवार में सबसे पहले उसकी बहन पादरी के संपर्क में आई। उसके बाद, परिवार के अन्य सदस्य भी धर्मांतरण के लिए राजी हो गए। जब पादरी और उसके सहयोगी रवि के घर पहुंचे, तो परिवार के अन्य सदस्यों ने उनका विरोध किया, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया।
पुलिस को पादरी के मोबाइल से यह जानकारी मिली कि उसने इस महीने बड़े धर्मांतरण आयोजन की योजना बनाई थी। इस आयोजन में बाहरी लोगों की भागीदारी की भी संभावना थी। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि इस गिरोह को जो धनराशि मिल रही थी, उसका स्रोत क्या है और क्या इसमें कोई बाहरी संबंध हैं।
यह मामला न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक सुरक्षा के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन गया है। पुलिस की जांच जारी है, और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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