उत्तराखंड:- हलद्वानी की सुनीता राजवार ने अपने पिता के सिनेमा के सपनों को साकार करने की अद्भुत यात्रा तय की है। एक ट्रक ड्राइवर की बेटी, सुनीता ने संघर्षों के बावजूद अपने जुनून को कभी नहीं छोड़ा। उनके पिता ने हमेशा शिक्षा और सिनेमा के प्रति प्रेम का समर्थन किया, जो सुनीता के अभिनय की शुरुआत का कारण बना।
स्कूल और कॉलेज में नाटक करने के बाद, सुनीता ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला लिया, जहां उन्होंने अपने अभिनय कौशल को निखारा। 90 के दशक के अंत में मुंबई आईं, तो उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। छोटी भूमिकाओं से निराश होकर, उन्होंने कुछ समय के लिए अभिनय छोड़ने का निर्णय लिया।
लेकिन किस्मत ने उन्हें फिर से बुलाया। लोकप्रिय वेब सीरीज “गुल्लक” में ‘बिट्टू की मम्मी’ की भूमिका ने उन्हें दर्शकों का दिल जीतने का मौका दिया। इसके बाद उनकी सफलता के दरवाजे खुल गए, और उन्होंने “स्त्री”, “केदारनाथ” जैसी सफल फिल्मों में अभिनय किया।
हाल ही में, सुनीता ने 77वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में अपनी फिल्म “संतोष” का प्रतिनिधित्व किया, जो उनके करियर की एक नई ऊंचाई थी। आज, सुनीता अपने सपनों को साकार कर लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। उनके सपनों का गुल्लक अब खुल चुका है, और हर दिन एक नया सपना साकार हो रहा है।
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