सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देशभर में अपराधियों और अन्य मामलों में चल रही बुलडोजर कार्रवाइयों पर तत्काल रोक लगा दी। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अब अगली सुनवाई तक किसी भी जगह पर बुलडोजर कार्रवाई केवल सुप्रीम कोर्ट की अनुमति से की जा सकेगी। यह आदेश एक अंतरिम आदेश के रूप में जारी किया गया है, और शीर्ष अदालत दिशा-निर्देश जारी करेगी जिनका पालन सभी राज्यों को करना होगा। सड़क, फुटपाथ और रेलवे लाइन पर किए गए अवैध निर्माण पर यह रोक लागू नहीं होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई के महिमा मंडन पर भी सवाल उठाया और इसे तत्काल रोकने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान, जस्टिस गवई और जस्टिस विश्वनाथन ने स्पष्ट किया कि अनधिकृत निर्माण के मामलों में कोर्ट हस्तक्षेप नहीं करेगी, लेकिन कार्यपालिका को न्यायाधीश नहीं माना जा सकता। जस्टिस गवई ने कहा कि दो सप्ताह तक तोड़फोड़ पर रोक लगाने से कोई बड़ा संकट उत्पन्न नहीं होगा।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस आदेश पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इस तरह के आदेश से वैधानिक अधिकारियों के काम में बाधा आएगी। फिर भी, सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया है। मामले की अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि इस विवादित नीति की दिशा क्या होगी।
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