गाजियाबाद:- पुलिस ने बीमा पॉलिसी के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये ठग, ऋषभ राजपूत और सुमित कुमार रावत, पॉलिसी बंद होने का डर दिखाकर पीड़ितों से मोटी रकम वसूलते थे। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि इस गिरोह ने 9 राज्यों के 39 लोगों से 2 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की है।
ठगी का मास्टरमाइंड 10वीं पास ऋषभ राजपूत पहले एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस के नोएडा ऑफिस में काम करता था, जहां से उसने 1 लाख से ज्यादा ग्राहकों का डाटा चोरी किया। इस डाटा में बीमाधारकों की पॉलिसी डिटेल, फोन नंबर, नॉमिनी जानकारी आदि शामिल थीं। नौकरी छोड़ने के बाद, उसने बीसीए पास सुमित कुमार रावत को 15 हजार रुपये महीना पर नौकरी पर रखकर इस ठगी की योजना शुरू की।
ठगी का तरीका ऋषभ और सुमित पीड़ितों को फोन करके बीमा पॉलिसी के लैप्स होने का झांसा देते थे। सुमित पीड़ितों से संपर्क करता, और यदि उन्हें ज्यादा जानकारी चाहिए होती, तो ऋषभ खुद को “मुंबई हेड ऑफिस” का अधिकारी बताकर बात करता। दोनों ने पीड़ितों से पैसे ट्रांसफर करवाने के बाद फर्जी रसीदें व्हाट्सएप पर भेजकर विश्वास में लिया।
फर्जी बैंक खाते और सिम कार्ड का उपयोग इस ठगी को अंजाम देने के लिए फहाद नाम का एक अन्य व्यक्ति सिम कार्ड और फर्जी बैंक खाते उपलब्ध कराता था। फहाद को इस ठगी का 25% कमीशन मिलता था। पुलिस का अनुमान है कि गिरोह अब तक 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी कर चुका है।
साइबर पुलिस की कार्रवाई गिरफ्तार किए गए आरोपियों पर गाजियाबाद की रजनी गोयल से 4 लाख रुपये और साक्षी से 1 लाख रुपये की ठगी का आरोप है। पुलिस ने इन्हें साइबर क्राइम थाने के जरिए पकड़ा। इनके पास से चार मोबाइल फोन, आधार और पैन कार्ड, चार सिम कार्ड, और तीन बैंक खाते बरामद किए गए हैं।
पुलिस का कहना है कि अभी जांच जारी है, और अन्य ठगी के मामलों के सबूत जुटाए जा रहे हैं। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश भी की जा रही है।
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