मध्य प्रदेश:- इंदौर से 24 किलोमीटर दूर महू स्थित छावनी इलाके में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां दो प्रशिक्षु सैन्य अधिकारियों को बंधक बना लिया गया, उनकी पिटाई की गई, नकदी और कीमती सामान लूट लिया गया, और उनके साथ आई युवतियों के साथ गैंगरेप किया गया। इस गंभीर वारदात के बाद पीड़ित अधिकारियों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। इस घटना ने इलाके में सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और स्थानीय प्रशासन को कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।
इंदौर के ग्रामीण आईजी अनुराग ने एक गंभीर घटना की जानकारी दी है, जिसमें उत्तर प्रदेश के निवासी दो प्रशिक्षु सैन्य अधिकारी और उनकी दो महिला मित्र महू आर्मी कॉलेज के पास जाम गेट पर शाम बिताने गए थे। मंगलवार रात फायरिंग रेंज में कार पार्क कर बातचीत कर रहे इस समूह पर अचानक आठ बदमाशों ने पिस्तौल, चाकू और डंडे के साथ हमला कर दिया।
बदमाशों ने सैन्य अधिकारियों और युवतियों के साथ मारपीट की, उनकी नकदी, पर्स और अन्य कीमती सामान लूट लिया। इसके बाद एक अधिकारी और एक युवती को बंधक बना लिया, जबकि दूसरे अधिकारी और युवती को 10 लाख रुपये लाने की धमकी दी। इस जघन्य अपराध ने इलाके में सुरक्षा की चिंता को और बढ़ा दिया है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए त्वरित कार्रवाई की है और दो आरोपियों को हिरासत में लिया है।
महू में एक सनसनीखेज वारदात ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया है। मंगलवार रात, उत्तर प्रदेश के दो प्रशिक्षु सैन्य अधिकारी और उनकी दो महिला मित्र जब जाम गेट के पास फायरिंग रेंज में बातें कर रहे थे, तब आठ बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया। बदमाशों ने पिस्तौल, चाकू और डंडे के साथ सैन्य अधिकारियों और युवतियों की पिटाई की, उनकी नकदी और कीमती सामान लूट लिया। एक अधिकारी और एक युवती को बंधक बना लिया और दूसरे अधिकारी तथा युवती को 10 लाख रुपये लाने की धमकी दी।
घबराए अधिकारियों ने जल्दी से अपने कमांडिंग अफसर को सूचना दी, जिसके बाद सैन्य अधिकारियों ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से बंधक बनाए गए अधिकारी और युवती को छुड़ा लिया गया, लेकिन युवती की साथी के लौटने में देरी के कारण बदमाश ने उसे दूर ले जाकर गैंगरेप किया। इस घटना के बाद, पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन अन्य अपराधियों की तलाश जारी है।
इस घटना ने महू और उसके आसपास के इलाकों में सुरक्षा की गंभीर चिंता को उजागर किया है। इसके अलावा, 9 सितंबर 2015 को इंदौर के विजयनगर थाने में एक और विवादित घटना हुई, जब पुलिसकर्मियों ने मॉल के बाहर शराब पीते युवकों को थाने ले जाकर बुरी तरह पीटा। इनमें से एक जवान की हड्डी टूट गई, और अन्य घायल हो गए। इस घटना ने भी स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं।
इंदौर के विजय नगर थाने में मंगलवार रात को एक घातक घटना घटित हुई, जब 100 से अधिक सैन्य जवानों ने पूरी योजना के तहत थाने पर हमला कर दिया। यह हमला तब हुआ जब जवानों ने देखा कि उनके साथियों को पुलिसकर्मियों ने बुरी तरह पीटा था। सैन्य कर्मियों ने हॉकी और स्टिक के साथ थाने पर धावा बोल दिया, जिसमें 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
सैन्य जवानों ने थाने के सीसीटीवी कैमरे और रिकॉर्डर उखाड़ लिए ताकि कोई सबूत न बचे। उन्होंने पुलिस की गाड़ियों, वायरलेस सेट्स, कंप्यूटर और प्रिंटर को भी तोड़ डाला। पुलिस का आरोप है कि जवान एक राइफल और पांच कारतूस भी ले गए। इस हमले को उन्होंने ऐसे अंजाम दिया जैसे दुश्मनों के खिलाफ किसी महत्वपूर्ण मिशन पर हों, और पूरा काम सिर्फ 13 मिनट में पूरा कर दिया।
जवान तीन टुकड़ियों में बंटकर आए, जिन्होंने थाने की ओर आने वाले रास्ते ब्लॉक कर दिए और पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जवानों ने पुलिसकर्मियों को सड़कों पर खदेड़ा और एक सिपाही को रसोमा चौराहा तक ले जाकर पीटा। रेड लाइट कैमरों की फुटेज से पता चला कि वे छह ट्रकों में भरकर आए थे।
इस घटना के बाद, पुलिस विभाग ने जवानों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में तीन मामले दर्ज किए। हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। पुलिस ने इस दौरान किसी भी जवान को पेश नहीं किया, जबकि सेना के साथ मारपीट करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
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