इंफाल:- मणिपुर में हिंसा का सिलसिला जारी है और हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। पिछले हफ्ते 12 लोगों की मौत के बाद, मणिपुर के तीन जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसके साथ ही, राज्य के पांच जिलों में इंटरनेट सेवा को पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है, जिससे नागरिकों को संचार में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य में जारी अशांति को देखते हुए उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने 12 सितंबर तक सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी कॉलेजों को बंद करने का आदेश जारी किया है।
सीआरपीएफ के दो हजार जवानों की तैनाती, हजारों छात्रों का प्रदर्शन
मणिपुर में हिंसा और छात्र विरोध प्रदर्शनों के बीच, गृह मंत्रालय ने प्रदेश में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए 2,000 सीआरपीएफ जवानों की तैनाती का निर्णय लिया है। ये जवान आदिवासी बहुल चुराचांदपुर और कांगपोकपी जिलों में तैनात किए जाएंगे। सीआरपीएफ की ये दोनों बटालियन तेलंगाना और झारखंड से मणिपुर भेजी जाएंगी।
हालांकि मणिपुर में पहले से ही सेना, असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल (BSF) और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के 60,000 से अधिक जवान तैनात हैं, फिर भी हालात बिगड़ते जा रहे हैं। मंगलवार को, कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए एक हजार से अधिक छात्रों ने इंफाल में विरोध प्रदर्शन किया। सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और हवाई फायरिंग की।
राज्य में शांति और सुरक्षा बहाल करने के लिए प्रशासन ने ये सख्त कदम उठाए हैं, जबकि हिंसा और विरोध प्रदर्शनों की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
मणिपुर में बढ़ती हिंसा के मद्देनजर, गृह आयुक्त एन. अशोक कुमार ने राज्य के पांच जिलों—इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, बिष्णुपुर, और काकचिंग—में पांच दिनों (15 सितंबर तक) के लिए मोबाइल इंटरनेट निलंबित करने की घोषणा की है। इस दौरान, लीज लाइन, वीएसएटीएस, ब्रॉडबैंड और वीपीएन सेवाओं समेत सभी इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं अस्थायी रूप से बंद रहेंगी।
हिंसा की लहर में, जिसमें दो महिलाओं, बुजुर्गों और एक सेवानिवृत्त सैनिक समेत 12 लोगों की मौत हो गई है, सुरक्षा उपायों को सख्त किया गया है। एक सितंबर से शुरू हुई हिंसा में 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं, और 12 मौतों में से छह दक्षिणी असम से सटे जिरीबाम जिले में हुई हैं।
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