मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत की आधिकारिक यात्रा से पहले महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम उठाया है। चीन समर्थक मुइज्जू ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादास्पद सोशल मीडिया टिप्पणियों पर प्रतिक्रियास्वरूप, तीन में से दो मंत्रियों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। यह कदम मुइज्जू द्वारा भारत के साथ संबंध सुधारने की दिशा में उठाया गया है।
हाल ही में, मुइज्जू ने अपनी राजनीतिक रणनीति में बदलाव करते हुए भारत के प्रति सकारात्मक रुख अपनाया है। मालदीव के तीन उप-मंत्रियों की भारत और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ की गई टिप्पणियों के बाद, भारत-मालदीव संबंधों में तनाव बढ़ गया था। इस विवाद के मद्देनजर, मालदीव के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि ये टिप्पणियाँ सरकार के आधिकारिक विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करतीं, और मंत्रियों को निलंबित कर दिया गया था।
अब, विवाद का एक नया मोड़ आया है। उप-मंत्री मरियम शिउना और मालशा शरीफ ने मंगलवार को अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। यह कदम भारत के साथ संबंध सुधारने की दिशा में मालदीव की सरकार द्वारा उठाया गया है, विशेषकर मुइज्जू की आगामी भारत यात्रा से पहले। इस राजनीतिक घटनाक्रम ने भारत-मालदीव संबंधों में नये सिरे से बातचीत और सुधार की उम्मीदें बढ़ा दी हैं।
मुइज्जू की भारत यात्रा को लेकर हाल ही में घोषणा की गई है, हालांकि यात्रा की तारीख अभी तय नहीं हुई है। दोनों देशों के बीच तारीख पर बातचीत चल रही है। राष्ट्रपति मुइज्जू ने राष्ट्रपति बनने के बाद पारंपरिक रुख को बदलते हुए अपनी पहली आधिकारिक यात्रा भारत की बजाय तुर्किये और फिर चीन की की थी। इस कदम ने भारत-मालदीव संबंधों में तनाव को जन्म दिया, विशेषकर जब मुइज्जू ने शपथ ग्रहण के कुछ ही घंटों बाद भारत द्वारा उपहार में मिले तीन विमानन प्लेटफॉर्म पर तैनात भारतीय सैनिकों को हटाने का आदेश दिया था, और उनकी जगह मालदीव के नागरिकों को तैनात किया था।
अब, मुइज्जू की प्रस्तावित भारत यात्रा दोनों देशों के रिश्तों में एक नया मोड़ ला सकती है। यह यात्रा संभावित रूप से भारत-मालदीव संबंधों में सुधार का संकेत हो सकती है, और इस परिदृश्य में सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
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