पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे ने अपनी नई किताब ‘राजनीति के पांच दशक’ के विमोचन पर एक विवादित बयान दिया है। शिंदे ने स्वीकार किया कि गृह मंत्री रहते हुए जब उन्होंने श्रीनगर के लाल चौक का दौरा किया, तो उन्हें अंदर से डर लग रहा था। यह खुलासा कांग्रेस को एक नई चुनौती में डाल रहा है।
भाजपा ने शिंदे के इस बयान पर तीखा हमला करते हुए इसे यूपीए सरकार की कश्मीर नीति की असफलता का प्रमाण बताया। भाजपा आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने टिप्पणी की कि शिंदे के बयान से स्पष्ट होता है कि उस समय कश्मीर की स्थिति कितनी गंभीर थी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद कश्मीर में नाटकीय सुधार हुआ है, जहां अब हर साल 2-3 करोड़ पर्यटक आते हैं और स्थानीय लोगों की जिंदगी में सुधार हुआ है।
भाजपा ने शिंदे के बयान को कांग्रेस की कश्मीर नीति पर हमला मानते हुए इसे अपनी उपलब्धियों की पुष्टि के रूप में पेश किया है। इस विवाद ने कांग्रेस को आलोचनाओं का सामना करने के लिए मजबूर कर दिया है, जबकि भाजपा इसे अपनी कश्मीर नीति की सफलता के रूप में देख रही है।
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