भारत:- सुरक्षा रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव आने वाला है। मोदी सरकार ने ‘इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड‘ की दिशा में कदम बढ़ाया है, जिसका उद्देश्य थलसेना, वायुसेना और नौसेना के बीच बेहतर तालमेल और समन्वय स्थापित करना है। इस नई प्रणाली के तहत, प्रत्येक सीमा पर एक ही कमांडर जमीनी, वायु, और समुद्री ऑपरेशनों की जिम्मेदारी संभालेगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस संदर्भ में सेना के शीर्ष अधिकारियों से चर्चा की और कहा कि सेना को हर स्थिति के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने रूस-यूक्रेन संघर्ष और बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताते हुए सुरक्षा बलों को किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तत्पर रहने की सलाह दी।
अब जब ‘जॉइंट थिएटर कमांड‘ का मसौदा तैयार हो चुका है और केवल सरकार की मंजूरी का इंतजार है, भारतीय सेना के तीन अंगों के तीन-तार वाले अफसरों को अलग-अलग थिएटर कमांड की लीडरशिप सौंपी जाएगी। सभी थिएटर कमांड की अगुवाई चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ करेंगे।
नई व्यवस्था में, पहली कमान ‘दक्षिण-पश्चिम ITC’ पाकिस्तान की सीमा की जिम्मेदारी लेगी, जिसमें कच्छ से लेकर लद्दाख तक के क्षेत्र शामिल होंगे। दूसरी कमान ‘उत्तरी इंटीग्रेटेड थियेटर कमान‘ लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक की चीनी सीमा की सुरक्षा करेगी, जिसका मुख्यालय लखनऊ में होगा। तीसरी कमान समुद्री सुरक्षा के लिए बनाई जाएगी, जिसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम में होगा।
यह नई व्यवस्था भारत को बेहतर सीमा प्रबंधन और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमताओं के साथ सक्षम बनाएगी। चीन ने 2016 में ही अपनी थियेटर कमांड प्रणाली लागू कर दी थी, जिसमें पांच थियेटर कमांड शामिल हैं। भारत की नई कमांड प्रणाली सुरक्षा रणनीति में एक महत्वपूर्ण सुधार और मजबूती का प्रतीक है, जो देश की रक्षा को और सुदृढ़ बनाएगी।
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