भारत में अब गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए चिकित्सा उपकरण देश में ही तैयार किए जाएंगे। इसके लिए एम्स और जापान की ओसाका यूनिवर्सिटी के बीच एक महत्वपूर्ण करार हुआ है। इस समझौते के तहत जापानी विशेषज्ञ एम्स के चिकित्सकों को तकनीकी सहायता प्रदान करेंगे और झज्जर के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआइ) में एक अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण विकास, सत्यापन और कौशल प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की जाएगी।
एम्स के निदेशक डॉक्टर एम. श्रीनिवास और अन्य विशेषज्ञों ने इस परियोजना पर चर्चा की। सर्जरी विभाग के प्रोफेसर एचके भट्टाचार्य के अनुसार, वर्तमान में अधिकांश चिकित्सा उपकरण विदेश से आयात किए जाते हैं, लेकिन ‘मेक इन इंडिया‘ पहल के तहत अब स्वदेशी उपकरणों को बढ़ावा दिया जाएगा।
यह नया केंद्र अगले दो से तीन साल में स्थापित होगा, जहां एम्स के विशेषज्ञ और जापानी एक्सपर्ट्स मिलकर चिकित्सा उपकरणों की रिसर्च और विकास करेंगे। इससे देश में चिकित्सा उपकरणों की गुणवत्ता में सुधार होगा और मरीजों को बेहतर उपचार मिल सकेगा।
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